CBSE 10th 12th: बोर्ड परीक्षा को लेकर फील कर रहें हैं स्ट्रेस, सीबीएसई के इस नंबर पर करें फोन

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

CBSE Exam Preparation: परीक्षा के नाम पर ज्यादातर बच्‍चें डरने लगते है. कई बच्‍चें तो ओवर स्‍ट्रेस के कारण परीक्षा के दौरान बीमार भी पड़ जाते है. ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से स्‍टूडेंट्स के स्‍ट्रेस को दूर करने के लिए अपनी सालाना प्री-परीक्षा साइकोलॉजिकल काउंसलिग सर्विस की शुरूआत की है. इनमें एक टोल-फ्री इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) शामिल है, जो बोर्ड के टोल-फ्री नंबर 1800-11-8004 पर चौबीसों घंटे उपलब्ध है.

दरअसल, सीबीएसई ने रविवार को अपनी सालाना प्री-परीक्षा साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सर्विस की शुरुआत की घोषणा की. उसने बताया कि यह यह काउंसलिंग सर्विस 1 जनवरी, 2024 को शुरू होने वाली है. यह घोषणा प्रैक्टिकल और थ्योरी पेपर के लिए परीक्षा शेड्यूल जारी करने के साथ ही आई है. इस दौरान स्टूडेंट्स को सपोर्ट करने के लिए साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के प्रावधान को रणनीतिक तौर पर जोड़ा गया है.

सब्जेक्ट को कवर करने वाले पॉडकास्‍ट होंगे पेश

सीबीएसई के काउंसलिंग सर्विस की सीरीज की मदद से आईवीआरएस स्टूडेंट्स और पेरंट्स को परीक्षा की स्ट्रेस फ्री तैयारी, इफेक्टिव टाइम और स्ट्रेस मैनेजमेंट, अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू), और सीबीएसई ऑफिस के लिए आवश्‍यक कॉन्टेक्ट डिटेल, हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध जानकारी और सलाह प्रदान करेगा. सीबीएसई रिलेवेंट सब्जेक्ट को कवर करने वाले अंग्रेजी और हिंदी पॉडकास्ट भी पेश करेगा. जो CBSE की आधिकारिक वेबसाइट www.cbse.gov.in पर उपलब्ध होगा.

फ्री टेली-काउंसलिंग सर्विस

इतना ही नहीं, बोर्ड एक फ्री टेली-काउंसलिंग सर्विस शुरू कर रहा है, जो सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध होगा. यह सेवा 65 प्रोफेशनल्स की एक टीम द्वारा चलाई जाएगी, इस टीम में सीबीएसई से एफिलिएटेड सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल, ट्रेंड काउंसलर, विशेष शिक्षक और साइकोलॉजिस्ट शामिल होंगे. उनमें से, 52 प्रोफेशनल भारत में होंगे, जबकि 13 काउंसलर इंटरनेशनल लेवल पर कुवैत, नेपाल, जापान, दोहा-कतर, ओमान (मस्कट) और संयुक्त अरब अमीरात (दुबई, शारजाह, रास-अल-खैमा) जैसे स्थानों पर उपलब्ध होंगे.

CBSE का मुख्‍य उद्देश्‍य

बता दें कि साल 1998 से, CBSE दो फेज में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है- पहला परीक्षा से पहले और दूसरा रिजल्ट घोषित होने के बाद. इसका प्राथमिक उद्देश्य यह तय करना है कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स स्ट्रेस फ्री एग्जाम का एक्सपीरिएंस करें.

खास बात ये है कि सीबीएसई लगातार 26 वर्ष से इतने व्यापक पैमाने पर स्टूडेंट्स और पेरंट्स को साइकोलॉजिकल काउंसलिंग प्रदान करने वाला देश का एकमात्र बोर्ड है. चाहे टोल-फ्री टेली-काउंसलिंग के माध्यम से या IVRS के जरिए सूचना प्रसार के माध्यम से, बोर्ड ने स्टूडेंट्स की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार इनोवेटिव है.

 

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