ऐसा क्या हुआ जो देश के 421 विश्वविद्यालय हुए डिफॉल्टर घोषित, जानिए पूरा मामला

Ujjwal Kumar Rai
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Chief Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Defaulter University List: देश भर में विश्व विद्यालय अनुदान आयोग ने कई विश्वविद्यालयों के खिलाफ बड़ा एक्शन किया है. निर्देश न मानने के कारण 421 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है. दरअसल, यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति के लिए निर्देश दिए थे. इसके बावजूद यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने मामले में लापरवाही बरती और लोकपाल की नियुक्ति नहीं की. इस कारण उन्हें डिफॉल्टर श्रेणी में डाल दिया गया है.

ये यूनिवर्सिटी डिफॅाल्टर घोषित
दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कई यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया है. इसमें एमपी के कई विश्वविद्यालय शामिल हैं. इसमें पंडित एसएन शुक्ल विवि शहडोल, महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि चित्रकूट, संगीत एवं कला विवि ग्वालियर, अवधेश प्रताप सिंह विवि रीवा, पशु चिकित्सा विज्ञान विवि जबलपुर, पत्रकारिता एवं संचार विवि भोपाल, संस्कृत एवं वैदिक विवि उज्जैन, छत्रसाल बुंदेलखंड विवि छतरपुर, कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, सामाजिक विज्ञान विवि इंदौर, मप्र चिकित्सा विज्ञान विवि जबलपुर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, विधि विश्वविद्यालय जबलपुर, हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल, राजा शंकरशाह विवि छिंदवाड़ा जबलपुर, सांची विश्वविद्यालय रायसेन, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि भोपाल और रानी दुर्गावती विवि शामिल है.

आपको बता दें कि यूजीसी देश भर के विश्वविद्यालयों के संचालन और उनके कामकाज पर नजर रखता है. कुछ दिन पहले यूजीसी ने एक निर्देश जारी किया था. इसके तहत 30 दिन के अंदर लोकपाल की नियुक्ति का निर्देश दिया गया था. इसकी की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2023 थी. लोकपाल की नियुक्ति से संबंधित निर्देश का पालन नहीं किया गया. इसके बाद यूजीसी ने इन्हें डिफॅाल्टर घोषित कर दिया है.

ये विश्वविद्यालय भी डिफॉल्टर
आपको बता दें कि शहडोल के पं. शंभूनाथ शुक्ल विवि को भी डिफॉल्टर घोषित किया गया है. दरअसल, इन सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी ने छात्रों की शिकायत के निराकरण की समिति बनाने और लोकपाल नियुक्ति मामले में दोषी पाया. इसके बाद यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा कि वह अपनी वेबसाइट और कैंपस में लोकपाल और छात्र शिकायत निवारण समिति की जानकारी दें. साथ ही फोन नंबर भी प्रदर्शित करें. इसके लिए 31 दिसंबर 2023 की डेडलाइन तय की थी, लेकिन विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई. इस कारण डिफॅाल्टर घोषित करने का ये एक्शन किया गया है.

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