CBME Guidelines: एमबीबीएस छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सीबीएमई गाइडलाइन को रद्द कर दिया है. गुरुवार को एक सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी गई. एनएमसी ने जारी किए गए सर्कुलर में आगे संशोधन की जरूरतों को हवाला देते हुए गाइडलाइन्स को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. एकेडकिमक सेशन 2024-25 के लिए कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम(CBME) गाइडलाइन्स को 31 अगस्त को जारी किया गया था.
सर्कुलर में क्या कहा गया
सर्कुलर के मुताबिक, सूचित किया जाता है कि 31 अगस्त, 2024 के सर्कुलर, जिसके तहत कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम (सीबीएमई) 2024 के तहत गाइडलाइन जारी किए गए थे, को तत्काल प्रभाव से वापस लिया गया है और रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही एनएमसी ने जल्द ही संशोधित संस्करण लाने की बात कही है.
फिर से जारी होगा गाइडलाइन
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि उपर्युक्त दिशा-निर्देशों को यथासमय संशोधित कर जारी किया जाएगा. यह सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी होगा. दिशा-निर्देशों में अप्राकृतिक यौन अपराध के तौर पर सोडोमी (sodomy) और लेस्बियनिज्म जैसे विवादास्पद विषयों को शामिल किया गया था, जिन्हें संशोधित कर फिर से जारी किया जाएगा.
जानें क्यों वापस लिया गया
इससे पहले, एमबीबीएस छात्रों के लिए आयोग ने सीबीएमई सिलेबस के लिए नए गाइडलाइन जारी किए थे, जिन्हें एकेडमिशन सेशन 2024-25 से लागू किया जाना था. लेकिन भारी विरोध शुरू होने के बाद एनएमसी ने इसे वापस ले लिया है. नए करिकुलम में एमबीबीएस के फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी टॉपिक में सोडोमी और लेस्बियनिज्म को अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में बताया गया था, जिसके वजह से बीते कुछ दिनों से एनएमसी को एलजीबीटीक्यूआईए प्लस (LGBTQIA+) समुदाय का कड़ा विरोध झेलना पड़ा.
लेस्बियनिज्म के अलावा आयोग ने नए करिकुलम में हाइमन की अहमियत और उसके टाइप व कौमार्य (वर्जिनिटी), कौमार्य भंग, वैधता और इसके चिकित्सीय एवं कानूनी महत्व को परिभाषित करने जैसे विषयों को भी सम्मिलित किया था, जबकि मद्रास हाईकोर्ट ने निर्देश देकर 2022 में इन सभी विषयों को खत्म कर दिया गया था. तब आयोग ने संशोधन के समय इन सभी विषयों को पाठ्यक्रम से खत्म कर दिया था.
ये भी पढ़ें :- अब तक का सबसे बड़ा एकदिवसीय संपत्ति नुकसान! Nvidia CEO जेन्सन हुआंग ने गंवाए 10 अरब डॉलर