Pariksha Pe Charcha 2025: ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों के साथ परीक्षा के तनाव और दबाव से निपटने पर चर्चा करते हैं. 10 फरवरी से इस कार्यक्रम का आठवां एडिशन शुरू हुआ. इस कार्यक्रम में कई हस्तियां छात्रों के साथ अपने जीवन के एक्सपीरियंस शेयर करने के लिए शामिल हुए हैं. वहीं, कार्यक्रम के 8वें एपिसोड में मैरी कॉम, सुहास यतिराज और अवनि लेखरा जैसी दिग्गज हस्तियों ने छात्रों संवाद किया और उन्हें सफलता का मंत्र भी दिया.
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के 8वें एपिसोड में छात्रों को खास टिप्स देने के लिए शामिल हस्तियों में मैरी कॉम भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने कई बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया और ओलंपिक में बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज भी हैं. वहीं, सुहास यतिराज आईएएस अधिकारी होने के अलावा शानदार पैरा शटलर भी हैं, जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. युवा अवनि लेखरा एक पैरा शूटर हैं, जिन्होंने टोक्यो और पेरिस पैरालंपिक खेलों में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल हासिल करके इतिहास रचा है.
छात्रों को दिया सफलता का खास मंत्र
कार्यक्रम के दौरान मैरी कॉम, सुहास यतिराज और अवनि लेखरा ने छात्रों को टिप्स दिए कि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता. फेल्योर सफलता का सबसे बड़ा हिस्सा है. आपके विचार आपकी किस्मत बनाते हैं. खुश रहें, पर संतुष्ट कभी न हों। फोकस बढ़ाने के लिए टिप्स दिए. किसी भी चैलेंज से लड़ने के लिए खुद से लड़ना सीखें. अच्छी चीजें आसानी से नहीं मिलतीं. उसके लिए मेहनत करें. सोना बहुत जरूरी है क्योंकि मानसिक रूप से फिट रहेंगे, तभी शारीरिक रूप से फिट होंगे.
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता- मैरी कॉम
छात्रों से संवाद करते हुए मैरी कॉम ने कहा, “शुरुआती दौर में मैंने बहुत चुनौतियों का सामना किया. बॉक्सिंग को महिलाओं का खेल नहीं माना जाता था. मैं खुद को साबित करने के अलावा देश की हर महिला के लिए भी इसे करना चाहती थी. इसके बाद मैंने चैंपियन तक का सफर तय किया. ये सब आप भी कर सकते हैं. किसी भी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करना आसान नहीं है. इसके लिए शॉर्टकट नहीं है. आपको दोगुनी-तिगुनी मेहनत करनी होगी.”
जब आप डर छोड़ देंगे तो अपना बेस्ट देंगे- सुहास यतिराज
सुहास यतिराज ने कहा, “आपका दिमाग आपका सबसे बड़ा दोस्त और सबसे बड़ा दुश्मन दोनों हो सकता है. जब आप कोई भी परीक्षा देने जाते हैं तो नर्वस होते ही हैं.” सुहास ने अपनी प्रतियोगिता के अनुभव बताए कैसे वह शुरुआत में बड़े इवेंट में खेलते हुए डर जाते थे. लेकिन उन्होंने हार का डर बाद में कोर्ट के बाहर छोड़ दिया और इसका उन्हें नतीजा मिला. इसके बाद उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने कहा कि जब आप डर छोड़ देंगे तो अपना बेस्ट देंगे.
सुहास यतिराज ने बच्चों को पॉजिटिव एनर्जी का मंत्र भी दिया और कहा कि आपको लगातार इस ऊर्जा को बनाए रखना होगा. इसके लिए आपको अपने विचारों पर नजर बनाए रखनी होगी. कोई अच्छी चीज आसानी से नहीं मिलती. लेकिन यदि आपमें जुनून है तो आपको उसे हासिल करने के लिए लगातार प्रयास करना होगा.
विफलता के बिना सफलता नहीं मिलती- अवनि लेखरा
अवनि लेखरा ने कहा, “इतने बच्चों को देखकर मुझे अपने स्कूल के दिन याद आ रहे हैं. कई बार मुझे लगा कि शूटिंग छोड़ देनी चाहिए. जब हमें किसी चीज की जानकारी नहीं होती तो डर लगता है. इसके बाद मैंने शूटिंग को लेकर जानकारी जुटाई और इस खेल में अच्छा किया.” अवनि ने छात्रों को विफलता से न घबराने की सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि विफलता के बिना सफलता नहीं मिलती है. साथ ही दूसरों से खुद की तुलना किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर फोकस करें.
फोकस कैसे रखा जाए इस सवाल पर अवनि ने कहा कि इसके लिए निरंतरता बहुत जरूरी है. ब्रीथिंग एक्सरसाइज रोजाना करने से आपको फायदा मिलेगा. खेलों में कितना समय देना चाहिए ताकि यह आपको मानसिक तौर पर फायदा दे और पढ़ाई के साथ भी संतुलन बना रहे, इस सवाल पर अवनि ने कहा, “मैंने 9वीं क्लास से खेलना शुरू कर दिया था. खेल और पढ़ाई में संतुलन के अलावा आपको भरपूर नींद लेनी होगी. पढ़ाई पर फोकस करते हुए आप वॉक पर जा सकते हैं, जहां अपने पाठ्यक्रम का रिवीजन कर सकते हैं. साथ ही खेल हो या पढ़ाई, खुद को ब्रेक देते रहना जरूरी है.”