केंद्र सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम के माध्यम से अब तक 43.3 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे आम जनता के खाते में ट्रांसफर की है. इससे पारदर्शिता में सुधार में आया है. साथ ही लीकेज रोकने में कामयाबी मिली और सरकारी फंड भी सीधे लाभार्थी तक पहुंच रहा है. सरकारी डेटा के अनुसार, सरकार ने 21 अप्रैल तक 43,35,808 करोड़ रुपये की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे आम जनता को ट्रांसफर की है.
अकेले FY25 में डीबीटी के माध्यम से केंद्र ने 6.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी ट्रांसफर की है. पीएम मोदी ने फरवरी में 9.8 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) योजना की 19वीं किस्त जारी की. इसमें बिना किसी बिचौलियों के डीबीटी के माध्यम से 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों को ट्रांसफर की गई. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, डीबीटी सिस्टम के आने से लीकेज रोकने में मदद मिली है और इससे 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है.
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू किए गए इस सिस्टम के शुभारंभ के बाद से लाभार्थी कवरेज में 11 करोड़ से 176 करोड़ तक 16 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है. DBT सिस्टम के माध्यम से पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जाता है. इस कारण धन की चोरी पर रोक लग गई है, जिसके परिणामस्वरूप कुल खर्च में सब्सिडी आवंटन की हिस्सेदारी 16% से घटकर 9% रह गई है. स्टडी में कहा गया, डीबीटी ने लीकेज पर अंकुश लगाने और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के साथ फंड वितरण को लेकर सटीकता सुनिश्चित की है.
इसी के साथ डीबीटी के साथ कल्याणकारी वितरण को दोबारा परिभाषित किया गया है. 2009-10 में कल्याण बजट में 2.1 लाख करोड़ रुपये से 2023-24 में 8.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि के बावजूद सब्सिडी आवंटन में गिरावट दर्ज की गई है, जो कि डीबीटी की सफलता को दर्शाता है. आधार-लिंक्ड ऑथेंटिकेशन ने फर्जी लाभार्थियों को कम करने में मदद की, जिससे राजकोषीय व्यय के बिना कवरेज का विस्तार हो पाया.