UP Assistant Teacher: पांच सालों से चला आ रहा परिषदीय प्रथामिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती का विवाद अब समाप्त हो गया है. बता दें कि प्राथमिक स्कूलों में 2016 में हुई 12460 सहायक शिक्षकों की भर्ती में से शेष बचे 5990 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल, इस भर्ती में 51 जिलों के 6470 चयनितों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे.
तीन महिने में भरें जाएंगे सभी खाली पद
2016 की सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि संबंधित प्राधिकारी, एनसीटीई की अधिसूचना और 26 दिसंबर 2016 के सर्कुलर के अंर्तगत संबंधित जिलों के सहायक शिक्षकों (UP Assistant Teacher) की कॉमन मेरिट सूची तीन माह के भीतर ही तैयार कर सभी पदों को भरने का फैसला लिया गया है.
क्या है मामला
दरअसल, वर्ष 2016 में जब यह भर्ती शुरू हुई तब 75 में से 24 जिलों में एक भी पद खाली नहीं था. इसलिए इन शून्य खाली पदों वाले जिलों के अभ्यर्थियों को किसी अन्य जिले में आवेदन करने की छूट दी गई थी. जिसकी पहली काउंसिलिंग मार्च 2017 में हुई, लेकिन उसी वक्त प्रदेश में सरकार बदल जाने के कारण नई सरकार ने 23 मार्च 2017 को इस भर्ती पर रोक लगा दिया. इसी बात को लेकर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए.
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19 अपील की गई थी दाखिल
आपको बता दें कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 01 नवंबर 2018 को भर्ती पर रोक वाले राज्य सरकार के तरफ से जारी सभी आदेशों को रद्द कर दिया. जिसके बाद सरकार ने भर्ती शुरू करने की अनुमति दी. हालांकि, सभी अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी कराई गई. साथ ही 51 जिलों के 6470 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए, लेकिन बाकी चयनितों की नियुक्ति नहीं हो सकी. क्योंकि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों व राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए 19 अपीलें दाखिल की थीं. जिसके बाद अब हाईकोर्ट के फैसले व आदेश के बाद शून्य खाली पदों वाले जिले के चयनित अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.