Chamoli Glacier Burst: बीते शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली में आए भीषण एवलांच ने कई मजदूरों की जान खतरे में डाल दी. यह हादसा माणा के पास हुआ, जहां निर्माण कार्य में लगे श्रमिक बर्फीले तूफान की जद में आ गए. प्रशासन और बचाव दल की टीमों ने तत्काल राहत अभियान शुरू कर दिया.
रेस्क्यू टीमों ने अब तक 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, जबकि चार श्रमिकों की मौत हो गई है. अभी भी पांच मजदूर लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
एवलांच को देखते हुए प्रशासन ने गौचर हवाई पट्टी को अलर्ट मोड पर रखा है. बचाव और राहत कार्य के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड और अन्य टीमें वहां तैनात हैं. एसडीएम संतोष कुमार पांडे खुद राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं.
भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. चमोली जिले में मौसम खराब होने और भारी बर्फबारी की संभावना के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियां आ रही हैं. खराब मौसम के बावजूद जवान पूरी मुस्तैदी से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं.
पीआरओ डिफेंस, देहरादून के लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक चार श्रमिकों के शव बरामद किए गए हैं. बचाव दल लापता पांच अन्य मजदूरों की तलाश में जुटा हुआ है.
माणा (चमोली) में हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। राहत और बचाव अभियान में जुटे सेना, आईटीबीपी, और स्थानीय प्रशासन की टीमों का कार्य सराहनीय है। pic.twitter.com/oLaYmtfugk
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 1, 2025
IMD ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 घंटे के अंदर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. चमोली जिले में एवलांच का खतरा अभी भी बना हुआ है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. इस बीच प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है और ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है.
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, माणा के पास ऊंचाई वाले इलाके में भारी हिमपात के कारण एवलांच हुआ, जिसकी चपेट में निर्माण कार्य में लगे श्रमिक आ गए. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. इस हादसे ने इलाके में दहशत फैला दी है और श्रमिकों के परिजन अपने प्रियजनों के सुरक्षित होने की प्रार्थना कर रहे हैं.
मौसम की मार भी बचाव कार्यों में डाल रही बाधा
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे एक अधिकारी ने बताया कि बर्फीले इलाके में मजदूरों तक पहुंचना आसान नहीं है. बर्फ की मोटी परत के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा, मौसम की मार भी बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही है.
राहत और बचाव दल लापता मजदूरों को खोजने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. सेना और एसडीआरएफ की टीमें बर्फ हटाने के लिए विशेष उपकरणों की मदद ले रही हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अन्य लापता श्रमिकों को भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.
जानें कहां-कहां हैं अभी मजदूर
. 26 मजदूरों इलाज आर्मी के अस्पताल में चल रहा है.
. 22 मजदूर बद्रीनाथ धाम में आईटीबीपी और सेना कैम्प में सुरक्षित.
. 5 मजदूर अभी भी पूरी घटना में हैं लापता.
. इस हादसे में अभी तक 4 लोगों की हो चुकी है मौत.
मुख्यमंत्री धामी ने किया हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना. साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हर संभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा भी बचाव कार्यों में पूरा सहयोग मिल रहा है. हमारी डबल इंजन सरकार हर परिस्थिति में नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है.