Ankit Tiwari bribery case: ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधों से संबंधित आपराधिक शिकायतों और प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को साझा करने में तमिलनाडु के कथित असहयोग के खिलाफ शिकायत उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ईडी ने यह भी अनुरोध किया है कि उसके अधिकारी अंकित तिवारी के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाए.
वर्तमान में तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) इसकी जांच की जा रही है. शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में ईडी ने कहा कि वह तमिलनाडु में मनी लॉन्ड्रिंग के पीड़ितों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए शीर्ष अदालत का रुख कर रहा है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी अनुसूचित अपराधों की जानकारी साझा नहीं करने के कारण ऐसे अपराधों की जांच करने में असमर्थ है. गुरुवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
ये भी पढ़े: New Delhi: निजी स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में लेने से पहले उसका पक्ष सुनें एलजी: हाई कोर्ट