रामपुरः गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को डूंगरपुर प्रकरण के एक मुकदमे में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने 10 साल और उनके करीबी ठेकेदार बरकत अली को सात साल की सजा सुनाई है. दोनों को बुधवार को दोषी ठहराया गया था. बता दे कि आजम खां सीतापुर और ठेकेदार रामपुर जेल में हैं. दोनों की वीडियो कान्फ्रेंस से जेल से ही से पेशी हुई.
वर्ष 2019 में बेघर हुए 12 लोगों ने अलग-अलग दर्ज कराई थी प्राथमिकी
मालूम हो कि सपा सरकार में 2016 में डूंगरपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़कर आसरा आवास बनाए गए थे. वर्ष 2019 में बेघर हुए 12 लोगों ने गंज कोतवाली में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया.
आजम खान पर अभी विचाराधीन हैं 84 मुकदमे
उनका सामान लूट लिया और मकानों को ध्वस्त कर दिया था. इससे पूर्व आजम खां के खिलाफ आठ मुकदमों में फैसला आ चुका है. पांच में उन्हें सजा हुई है, जबकि तीन में बरी हो चुके हैं. एक मामले में उनको सात साल की सजा हुई थी. जिसमें उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन अन्य मामलों में सजा होने की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो सकी है. आजम पर अभी 84 मुकदमे विचाराधीन हैं.