Bangladesh: हिंदू समुदाय ढाका में स्थित प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा के लिए चिंतित था, लेकिन इस मंदिर की सुरक्षा के लिए हिंदू-मुस्लिम साथ आए. यह जानकारी ढाकेश्वरी मंदिर मंदिर के एक पुजारी ने है. ढाका का ढाकेश्वरी मंदिर शक्ति पीठों में से एक है और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय के प्रमुख मंदिरों में से है. मालूम हो कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद अराजकता फैल गई थी. कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं और अन्य समुदायों को निशाना बनाया गया.
दर्शन-पूजन के लिए मंदिर आते हैं विभिन्न धर्मों के लोग
मंदिर के एक पुजारी ने बांग्लादेश में हिंसा के दौर में जारी हालातों पर बात की. पुजारी असीम मैत्रो ने बताया कि विभिन्न धर्मों के लोग यहां प्रार्थन करने आते हैं. मां सभी इंसानों की मां हैं, फिर चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम, ईसाई या बौद्ध. लोग यहां शांति, समृद्धि का आशीर्वाद लेने आते हैं. मैत्रो ने बताया कि वह बीते 15 सालो से इस मंदिर में पुजारी हैं. यह मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है. मंदिर के आसपास कई मस्जिदें हैं. मस्जिदों में मगरीब की नमाज के आधे घंटे बाद यानी करीब सात बजे ढाकेश्वरी मंदिर में आरती होती है.
पुजारी ने आगे बताया कि जब 5 अगस्त को हिंसा हो रही थी और शेख हसीना इस्तीफा देकर निकल गईं थी तो उस वक्त वह मंदिर परिसर में ही मौजूद थे. उन्होंने बताया कि उन्हें उस वक्त अपनी चिंता नहीं थी, लेकिन इस प्राचीन मंदिर और यहां के देवी-देवताओं की मूर्तियों की चिंता थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने हमारी मदद की. मुस्लिम, हिंदू और अन्य धर्मों के लोग मंदिर की सुरक्षा के लिए साथ आए ताकि कोई भी मंदिर को नुकसान न पहुंचा सकें. मंदिर में कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है. मंदिर में लगातार पूजा हो रही है और सामान्य दिनों की तरह मां को भोग भी लगाया जाता है.
सामान्य हो रहे हालात
बांग्लादेश में जब हिंसा हो रही थी तो भय के मारे कम लोग ही मंदिर आ पाते थे, लेकिन अब जैसे जैसे हालात सामान्य हो रहे हैं, लोग फिर से वापस मंदिर आ रहे हैं. पुलिस की मौजूदगी भी बढ़ गई है. मालूम हो कि अंतरिम सरकार के गठन के बाद सरकार के प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया था और यहां हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी. मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा का भरोसा दिया था. पुजारी ने बताया कि अब हालात सामान्य हो रहे हैं। हर साल यहां दुर्गा पूजा और अन्य त्योहार मनाए जाते हैं. अब 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है.