Bangladesh: खराब हालात के बीच बांग्लादेश पहुंचे भारत के विदेश सचिव, अहम मुद्दों पर होगी बात

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: बांग्लादेश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. यहां लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. इन हालातों के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ढाका के दौरे पर हैं. वह भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए सोमवार सुबह यहां पहुंचे. इस दौरान वह अपने बांग्लादेशी समकक्ष से मुलाकात करेंगे. ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इस साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के बीच संबंध में तनाव बने हुए हैं.

शेख हसीना के भारत आने के साथ ही शुरु हुआ हिंदुओं का उत्पीड़न
मालूम हो कि अगस्त में शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के साथ ही नई कार्यवाहक सरकार और उसके प्रमुख मो. यूनुस ने भारत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया. शेख हसीना के देश छोड़ने के साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न शुरू हो गया.

लोगों के घर जलाए गए, हत्याएं हुईं और मंदिरों को निशाना बनाया गया. इस बीच इस्कॉन भी बांग्लादेश के निशाने पर आ गया. कुछ संगठनों ने इस्कॉन को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग कर डाली. यहां तक कि कुछ दिन पहले हिंदुओं के जाने-माने नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद से यहां लगातार तनाव जारी है.

द्विपक्षीय संबंधों के मुद्दों पर होगी चर्चा
अब इन हालातों के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ढाका पहुंचे हैं. दोनों देशों के विदेश सचिवों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल द्वारा दोनों देशों के बीच स्थापित विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) तंत्र में भाग लेकर द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने 4 दिसंबर को बताया था कि दोनों देशों के विदेश सचिव आपसी हितों के मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

जयशंकर से तौहीद हुसैन ने की थी मुलाकात
इस वर्ष सितंबर में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार (मंत्री) मोहम्मद तौहीद हुसैन ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मौके पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी. उन्होंने अच्छे कामकाजी संबंध बनाए रखने का फैसला किया. साथ ही भारत और बांग्लादेश के बीच एफओसी आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया.

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