Bangladesh: शेख हसीना सहित 59 लोगों पर नया मामला दर्ज, लगा ये आरोप

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. अब पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है. हसीना के साथ अन्य 58 लोगों पर हिंसक झड़पों के दौरान एक छात्र की हत्या के प्रयास का आरोप लगा है. यह मामला 22 वर्षीय फहीम फैसल ने दर्ज कराया था.

फैसल ने बताया कि उसे 4 अगस्त को दिनाजपुर में गैर सरकारी प्रदर्शन के दौरान गोली मारी गई थी, जिसमें वह घायल हो गया था. इसके साथ ही हसीना के खिलाफ अब तक 155 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 136 मामले हत्या के और मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के 7 मामले शामिल हैं. इसके अलावा तीन अपहरण के मामले, आठ हत्या के प्रयास और एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के जुलूस पर हमला करने का मामला भी दर्ज है.

मामले के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर हथियारों से हमला किया गया था, जिसमें फैसल को कई चोटें आईं. दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसका उपचार किया गया. फिलहाल वह ठीक है. शेख हसीना के अलावा पूर्व व्हिप इकबालुर रहीम और दिनाजपुर सदर उपजिला अध्यक्ष इमदाद सरकार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. मालूम हो कि पिछले महीने पांच अगस्त को शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देकर भारत आ गई थीं.

क्यों बांग्लादेश में भड़की हिंसा?
बांग्लादेश को वर्ष 1971 में आजादी मिली थी. आजादी के बाद से ही बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था लागू है. इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को 30 प्रतिशत, देश के पिछड़े जिलों के युवाओं को 10 प्रतिशत, महिलाओं को 10 प्रतिशत, अल्पसंख्यकों के लिए 5 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. इस तरह बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण था. वर्ष 2018 में बांग्लादेश के युवाओं ने इस आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया. कई महीने तक चले प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण खत्म करने का ऐलान किया.

बीते महीने 5 जून को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने देश में फिर से आरक्षण की पुरानी व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया. शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा. इससे छात्र नाराज हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन बढ़ते-बढ़ते अब हिंसा में बदल गया है.

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