लखनऊः उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण के दौरान जमकर बवाल हुआ था. इस बवाल में चार लोगों की मौत हो गई थी. कई पुलिसवाले घायल हो गए थे. गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. घटना के तीन बाद अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. फिलहाल, पत्थरबाजों और उपद्रवियों की धरपकड़ जारी है. वहीं, बवाल करने वालों पर योगी सरकार सख्त हो गई है.
पत्थरबाजों और उपद्रवियों की तलाश कर रही पुलिस
पुलिस संभल के पत्थरबाजों और उपद्रवियों की तलाश कर रही है. पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जा सकते हैं. इसके साथ ही नुकसान की उपद्रवियों से वसूली की जा सकती है. जरूरी हुआ तो उपद्रवियों पर इनाम भी घोषित किया जाएगा.
संभल हिंसा मामले में एक और तथ्य सामने आया. पता चला है कि बवाल से पहले जामा मस्जिद वाले रूट पर लगे कैमरों की बाकायदा रेकी की गई थी. रेकी के बाद बवाल से ठीक पहले कैमरों को निशाना बनाना था, जिससे पहचान की गुजांइश ना रह जाए. पुलिस द्वारा कराई गई ड्रोन से वीडियोग्राफी में बचे सीसीटीवी कैमरों में दिखा कि कुछ युवक सीसीटीवी कैमरे की ओर इशारा कर रहे हैं और कुछ ही देर में उसको ईंट मार कर तोड़ देते हैं. इसके अलावा एक व्यक्ति डंडे से दूसरे सीसीटीवी को तोड़ता हुआ नजर आ रहा है.
मुरादाबाद कमिश्नर अनंजय कुमार सिंह ने बताया
मुरादाबाद कमिश्नर अनंजय कुमार सिंह ने संभल घटना पर प्रशासन की जांच पर बताया, “कल तक घटना में 3 नाबालिगों का नाम सामने आया है. नाबालिगों के साथ हम काउंसलिंग की चीजें ही कर रहे हैं. इसके अलावा अभी तक जिन 27 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनके संबंध में हम कोर्ट के जरिए कानूनी कार्यवाही पूरी कर रहे हैं…खतरनाक चाकू मिला है. हमें जो अवैध हथियार मिल रहे हैं, उनकी रिकवरी की जा रही है.” उन्होंने कहा, “मृतकों के परिजनों को आमंत्रित किया है. अगर वे एफआईआर दर्ज़ कराएंगे तो हम एफआईआर दर्ज जरूर करेंगे. 4 लोगों का मारा जाना दुखद है.”