बीजापुर: छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले बीजापुर में एक साथ 50 नक्सलियों हथियार छोड़कर सरेंडर कर दिया हैं. मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. केंद्र सरकार का मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है.
नक्सलियों ने कई वारदातों को दिया था अंजाम
ऐसा पहली बार है, जब इतनी बढ़ी संख्या में नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है. जानकारी के अनुसार, इन नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया था, लेकिन अब मुख्य धारा के साथ चलना चाहते हैं. उधर, सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में दहशत का माहौल है.
मुठभेड़ में 18 नक्सली हुए थे ढेर
मालूम हो कि सुरक्षा बलों ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में दोहरे मुठभेड़ों में 11 महिलाओं सहित 18 नक्सलियों को ढेर कर दिया था. जो 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन में एक बड़ी सफलता है.
मुख्य धारा में लौटे नक्सली, सरकार का प्रयास
छत्तीसगढ़ सरकार की भी कोशिश है कि अधिक से अधिक नक्सली विकास की धारा में लौटे. सरकार ने पुनर्वास नीति भी बनाई है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को कई तरह की मदद भी दी जा रही है. सरकार का प्रयास है कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ शांति और विकास की राह पर चले. बताया गया है कि सभी 50 नक्सलियों ने बीजापुर एसपी कार्यालय में डीआईजी और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में हथियार डालते हुए सरेंडर किया है.
बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया, “उन्होंने खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा आदिवासियों के शोषण और आंदोलन के भीतर पनप रहे मतभेदों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण किया. वे सुरक्षा बलों द्वारा शिविर लगाने और ‘निया नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसके तहत बल और प्रशासन दूरदराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं.”
6 नक्सलियों पर 8 लाख का इनाम
जितेंद्र यादव ने कहा, “आत्मसमर्पण करने वाले 50 लोगों में से 6 पर 8-8 लाख रुपये का इनाम है, जिनमें से तीन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम है. पांच पर 1-1 लाख रुपये का इनाम है. जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.”
एसपी ने कहा कि आंदोलन छोड़ने वाले और मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा. यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ है. वह आधारशिला रखेंगे, काम शुरू करेंगे और 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.