नई दिल्लीः पिछले कई महीनों से मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों के छह पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले इलाकों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है. केंद्र सरकार ने यहां पर AFSPA लागू किया है. इन इलाकों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर शामिल है. केंद्र सरकार ने मणिपुर के ताजा हालातों का आकलन करने और राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए ये फैसला लिया है.
पांच जिलों में लागू हुआ AFSPA
हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक बार फिर से हालात बिगड़ने की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन जिलों में AFSPA लागू करने की अधिसूचना जारी की है. बताया जा रहा है कि मणिपुर में बुधवार को करीब 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को भेजा गया है. गृह मंत्रालय ने इन यूनिट्स को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल प्रभाव से तैनात करने के आदेश दिए थे. अब इन इलाकों में सशस्त्र बल अशांत क्षेत्रों में तलाशी अभियान चला सकेंगे और संदिग्धों को गिरफ्तार कर सकेंगे. वहीं, एएफएसपीए के लागू हो जाने के बाद सशस्त्र बलों को गोली चलाने के भी व्यापक अधिकार मिल गए हैं.
हिंसा में अब तक गई है 200 लोगों की जान
मालूम हो कि मणिपुर राज्य सरकार ने विगत 1 अक्टूबर को पूरे राज्य में AFSPA लागू किया था, हालांकि, इन 5 जिलों के 6 थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया था. अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन इलाकों में भी AFSPA लागू कर दिया है. जिसके लिए आज अधिसूचना जारी की गई. वहीं, सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में सीआरपीएफ के साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों की मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे.
इसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति देखने को मिली. इस मुठभेड़ के एक दिन बाद जिरीबाम जिले में ही सशस्त्र उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित 6 नागरिकों का अपहरण कर लिया था. पिछले वर्ष के मई महीने से मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत हुई है. इस हिंसा में अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं.