China: दक्षिण चीन सागर पर तनाव कम नहीं हो रहा है. इसी तनाव के बीच चीन ने अपना दूसरा विमानवाहक पोत शांडोंग भी तैनात कर दिया. यह शांडोंग फिलीपीन तट के पास पानी में गश्त करते हुए देखा गया है. वहीं, फिलीपींस की ओर से भी दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का विरोध करना शुरू कर दिया है.
मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों में चीन और फिलीपींस की नौसेनाओं और तट रक्षकों के बीच टकराव चल रहा था. क्योंकि अमेरिका द्वारा समर्थित फिलीपींस ने चीन द्वारा दावा किए गए दक्षिण चीन सागर में द्वितीय थॉमस शोल पर अपने दावों को साबित करने का अथक प्रयास किया था. दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर चीन अपना दावा करता है. इस पर फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, ब्रुनेई और ताइवान के बीच तीखी बहस है. चीन का आरोप है कि फिलीपींस ने 1999 में जानबूझकर दूसरे थॉमस शोल में एक नौसैनिक जहाज को फंसा दिया था.
चीन का दावा था कि क्षतिग्रस्त जहाज को नौसैनिक कर्मियों द्वारा संचालित एक स्थायी प्रतिष्ठान में बदल दिया. संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन के एक न्यायाधिकरण द्वारा 2016 के फैसला लिया गया. इसके आधार पर सागर पर दक्षिण चीन अपने दावों को पुख्ता करने की कोशिश में लगा है. हालांकि, चीन ने न्यायाधिकरण का बहिष्कार किया, लेकिन न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को खारिज कर दिया और अपने दावों पर जोर दिया.
वहीं, दूसरी ओर चीन ने पिछले महीने एक नया कानून लागू किया. इस नए कानून के तहत उसके तट रक्षक को चीन के जल क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशी जहाजों को जब्त करने और 60 दिनों तक विदेशी चालक दल को हिरासत में रखने का अधिकार दिया गया है. यह कानून के तहत चीन के तट रक्षक को यह भी अधिकार है कि वह जरूरत पड़ने पर विदेशी जहाजों पर गोली चला सकता है. अमेरिका ने मनीला के दावों के समर्थन में अपनी ताकत दिखाने के लिए फिलीपींस में मध्यम दूरी की टाइफॉन मिसाइल प्रणाली तैनात की है.
चीन ने अब हाल में अपना दूसरा विमानवाहक पोत ‘शांडोंग’ तैनात किया है, जो फिलीपीन तट के पास पानी में गश्त करते नजर आया. लगभग 70,000 टन विस्थापन वाला विमानवाहक पोत शांडोंग, फिलीपींस के पानी में गश्त करते नजर आया. चीनी विशेषज्ञों के मुताबिक, विमानवाहक पोत संभवतः एक निर्धारित अभ्यास पर है, जो इसे पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संभावित दूर की समुद्री यात्रा के लिए भी तैयार कर सकता है.