Colombia: अमेरिका में फायरिंग स्कॉड ने कैदी को गोलियों से भूना

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कोलंबिया: एक व्यक्ति को अमेरिका के साउथ कैरोलाइना प्रांत में शुक्रवार को फायरिंग स्कॉड द्वारा मौत की सजा दी गई. पिछले 15 वर्ष में इस तरह से मौत की सजा पाने वाला यह पहला अमेरिकी कैदी था. जेल के तीन कर्मचारियों ने 67 साल के ब्रैड सिगमन को मौत की नींद सुलाने के लिए राइफलों का इस्तेमाल किया, और उसे शाम 6.08 बजे मृत घोषित कर दिया गया. मालूम हो कि सिगमन ने 2001 में अपनी पूर्व प्रेमिका को किडनैप करने के चक्कर में उसके माता-पिता, डेविड और ग्लेडिस लार्क को ग्रीनविले काउंटी में स्थित उनके घर में बेसबॉल बैट से मार डाला था.

पूछताछ के दौरान सिगमन ने पुलिस को बताया था कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड को एक रोमांटिक वीकेंड पर ले जाने और फिर उसे एवं खुद को मार डालने की प्लानिंग की थी. सिगमन के अधिवक्ताओं ने कहा कि उसने फायरिंग स्कॉड से सजा पाने का रास्ता इसलिए चुना, क्योंकि उसे लगता था कि इलेक्ट्रिक चेयर उसे ‘जिंदा भून देगी’ और पेंटोबार्बिटल का इंजेक्शन उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में तबाही मचा देगा. साउथ कैरोलाइना में इंजेक्शन से मौत देने की विधि गुप्त रखी जाती है, और सिगमन ने इसीलिए सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को अपनी मौत की सजा रोकने की अपील की थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया.

सिगमन ने शुक्रवार को हुड के साथ काले रंग का एक जंपसूट पहनाया गया था, जिसमें छाती पर लाल बुल्सआई के साथ एक सफेद टारगेट बना था. राइफलों से लैस जेल के कर्मचारी उस जगह 15 फीट की दूरी पर खड़े थे, जहां दीवारों के पीछे सिगमन बैठा था. फायरिंग स्कॉड ने एक ही समय में दीवार की छेद में से निशाना साधकर गोली चलाई. इस दौरान मौके पर बुलेटप्रूफ शीशे के पीछे करीब एक दर्जन गवाह भी मौजूद थे, जिनमें पीड़ितों के परिवार के भी तीन सदस्य शामिल थे. फायरिंग स्कॉड ने एक साथ गोलियां दागीं और कुछ ही देर बाद सिगमैन को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

मालूम हो कि फायरिंग स्कॉड मौत की सजा देने की एक ऐसी विधि है, जिसका अमेरिका और दुनिया भर में लंबा और हिंसक इतिहास रहा है. कई देशों में सजा के इस तरीके का इस्तेमाल विद्रोहियों और सेना में भाग जाने वालों को दंडित करने के लिए किया जाता रहा है.1977 के बाद से अमेरिका में केवल तीन अन्य कैदियों को फायरिंग स्क्वाड द्वारा मौत की सजा दी गई है. ये तीनों मामले उटा के थे और सबसे ताजा मामला रोनी ली गार्डनर का है, जिसे 2010 में फायरिंग स्क्वाड ने मौत की सजा दी थी.

शुक्रवार को साउथ कैरोलिना में कुछ प्रदर्शनकारी सिगमन की फांसी से पहले जेल के बाहर एकत्र हुए थे. उन्होंने अपने हाथों में ‘सभी की जिंदगी अनमोल है’ और ‘लोगों को न्याय दें, मौत नहीं’ लिखी हुई तख्तियां ली थीं. सिगमन के समर्थकों और वकीलों ने रिपब्लिकन गवर्नर हेनरी मैकमास्टर से उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि वह एक अच्छा कैदी था, जिस पर गार्ड भरोसा करते थे. यह भी दलील दी गई कि उसने गंभीर मानसिक बीमारी का शिकार होने के बाद हत्याओं को अंजाम दिया.

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