रामनगरः कार्बेट नेशनल पार्क के बिजरानी पर्यटन जोन में टस्कर हाथी झुंड से बिछड़ गया. एक बाघ ने टस्कर हाथी को दौड़ा-दौड़ाकर मार डाला. टस्कर का बाघ तीन दिन से पीछा कर रहा था. गश्ती दल ने उसे भगाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे बाघ की आक्रामकता के आगे नाकाम रहे. बाघ ने हाथी को इतना दौड़ाया कि आखिर में वह निढाल होकर जंगल में गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई.
कार्बेट पार्क प्रशासन ने पोस्टमार्टम के बाद हाथी का शव दफना दिया है. अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टमार्टम के दौरान भी आसपास बाघ की दहाड़ सुनाई दी. कार्बेट पार्क प्रशासन के मुताबिक, बिजरानी पर्यटन जोन के कक्ष नंबर 12 में बीते गुरुवार से बाघ टस्कर के पीछे पड़ा था और बार-बार उस पर हमला कर रहा था. ट्रैप कैमरों में यह संघर्ष कैद हुआ.
वनकर्मियों ने हाथी को बचाने का प्रयास किया, नहीं हुए सफल
गश्त पर निकले वनकर्मियों ने शुक्रवार को बाघ व हाथी के बीच संघर्ष को देखा तो उन्होंने जख्मी हाथी को बचाने के लिए बाघ को भगाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. शनिवार सुबह सफारी पर निकले पर्यटकों व जिप्सी चालक ने हाथी का शव जंगल में पड़ा होने की सूचना दी.
इसके बाद निदेशक डा. साकेत बडोला, उपनिदेशक राहुल मिश्रा, पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी, रेंजर भानु प्रकाश हर्बोला मौके पर पहुंचे. पशु चिकित्साधिकारी डा. दुष्यंत शर्मा, डा. राजीव सिंह ने मौके पर ही हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया.
मृत हाथी के शरीर के पिछले हिस्से में बाघ के दांत व नाखून के निशान मिले है. पार्क वार्डन के मुताबिक, माना जा रहा है कि हाथी बाघ से बचने के लिए दौड़ता रहा और काफी थक गया. इस वजह से वह जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई. बीमारी का पता लगाने के लिए फोरेसिंक जांच को सैंपल आइवीआरआइ बरेली भेजे जा रहे हैं. पार्क वार्डन की माने तो यह हाथी अपने झुंड से अलग हो गया था. उसके दांत व अंग सुरक्षित हैं.