New Delhi: उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के तीनों आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी, गवाहों के बयान को किया खारिज

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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New Delhi: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर इलाके में हुए दंगों के एक मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने बुधवार को आरोपी अकरम, मोहम्मद फुरकान और मोहम्मद इरशाद को बरी करते हुए पुलिस के दो गवाहों की गवाही को खारिज कर दिया, जिन्होंने घटनाओं के दौरान आरोपियों को दंगाई भीड़ में देखने का दावा किया था.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कही ये बातें

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. इसके बाद अदालत ने फैसले में आरोपी अकरम, मोहम्मद फुरकान और मोहम्मद इरशाद को शिव विहार तिराहा स्थित चावला बुक सेंटर नामक दुकान पर हुई घटना के संबंध में आरोपों से संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. अदालत ने दंगाई भीड़ में आरोपियों की मौजूदगी के मुद्दे पर पुलिस के दो कांस्टेबलों की गवाही को खारिज करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भीड़ में सभी आरोपियों की मौजूदगी मानने के लिए कांस्टेबल पवन कुमार और कांस्टेबल अमित की गवाही पर भरोसा करना सुरक्षित नहीं है, जो गुलशन कुमार की दुकान पर हुई घटना के पीछे थे. कोर्ट में दोनों ने एक लाइन का बयान दिया कि इन दो गवाहों ने दुकान में घटना के आरोपी व्यक्तियों को देखा था, यह विश्वास जगाने के लिए पर्याप्त नहीं है. साथ ही अभियोजन पक्ष के सबूतों में यह दिखाने के लिए एक अंतर है कि इन दो गवाहों ने आरोपी व्यक्तियों की पहचान करने के लिए कौन सा विशेष वीडियो देखा था.

4 मार्च 2020 को दर्ज हुआ था मामला

कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आगे कहा कि इन दोनों गवाहों ने बताया है कि वे घटना से पहले आरोपियों और उनके कार्यस्थल को जानते थे. हालांकि आईओ के समक्ष अपना बयान देने के बाद भी वे आईओ को इन आरोपी व्यक्तियों के संबंधित स्थानों पर नहीं ले गए. वर्तमान एफआईआर गुलशन कुमार नामक व्यक्ति द्वारा दी गई 1 मार्च, 2020 की लिखित शिकायत के आधार पर 4 मार्च, 2020 को दर्ज की गई थी. अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि 24 फरवरी, 2020 को, राजधानी सेकेंडरी स्कूल, शिव विहार तिराहा के पास स्थित चावला बुक सेंटर के नाम और शैली के तहत उनकी 20 साल पुरानी दुकान को एक दंगे के दौरान आग लगा दी गई थी. शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उसकी उपरोक्त दुकान का सारा सामान जल गया और उसे लगभग 8-10 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

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