Cyber Fraud: जुम्मन कुरैशी/कासगंज: यूपी के कासगंज में साइबर ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के पुत्र के अपहरण का झूठा नाटक रचकर पिता से 18 लाख रुपए की भारी भरकम राशि अपने खाते में डलवा ली. पूरा मामला पता होने पर पिता ने इसकी शिकायत पुलिस से की है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला कासगंज जनपद के अमांपुर कोतवाली क्षेत्र का है. यहां साइबर ठगों ने आरएसएस के नगर संघचालक राकेश पारसर को व्हाट्स एप कॉल के माध्यम से उनके बेटे के अपहरण का झूठा नाटक रचाकर अपना शिकार बनाया है. क़स्बा अमांपुर के गांधी नगर निवासी आरएसएस के नगर संघ चालक पीड़ित राकेश परासर ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका इकलौता बेटा दिल्ली में रहकर ज्यूडीशियली की तैयारी कर रहा है. शुक्रवार की सुबह लगभग 10 बजे एक अंजान नंबर 9241620965 से उन्हें व्हाट्सएप कॉल आई. कॉल करने वाले शख्स ने कहा कि तुम्हारा बेटा हमारे पास हैं. बेटे को जिंदा चाहते हो तो 18 लाख रुपए हमारे खाते में डाल दो और पुलिस को भूल कर भी मत बताना नहीं तो उसे हम जान से मार देंगे.
बेटे को छोड़ने के नाम पर लिया 18 लाख
इतना ही नहीं व्हाट्स एप कॉल पर ही ठग ने नगर संघचालक राकेश पाराशर को बेटे की आवाज में किसी से बात कराई. उधर से बेटे ने रोते हुए कहा-पापा मुझे बचा लों मुझे इन लोगों ने किडनैप कर लिया है. ठगों ने कहा कि बेटे का मोबाइल हमारे पास ही है अगर उसे कॉल की तो कॉल हम ही उठाएंगे. इसके बाद राकेश परासर के पैरों तले जमीन खिसक गई. साइबर ठगों ने उन्हें बातों में फंसा कर बेटे को छोड़ने के नाम पर छह बार में 18 लाख रूपये अपने अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लिए.
ऐसे हुआ खुलासा
वही, राकेश परासर ने बताया कि जब रूपये भेजने के बाद नोएडा से मेरी बड़ी बेटी का फोन आया और उसने बताया कि विशाल तो अपने कमरे पर ही है और ऐसी कोई बात नहीं है. तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हो गई है. जिसके बाद पीड़ित राकेश पारसर ने ठगी की शिकायत साइबर अपराध पोर्टल पर की और कोतवाली पुलिस को लिखित सूचना भी दे दी गयी है. लेकिन अभी तक कोतवाली प्रभारी निरीक्षक यतीन्द्र प्रताप ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है और इसकी जांच साइबर सेल को दी गई है. पुलिस साइबर विशेषज्ञों के माध्यम से ठगों की खोजबीन में जुट गई है.
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