नई दिल्लीः मनीष सिसोदिया की मुश्किलें होने होने का नाम नहीं ले रही है. आबकारी घोटाला से जुड़े सीबीआई व ईडी मामले में जमानत देने से इंकार करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई.
अगली सुनवाई 13 मई को
सुनवाई के दौरान सीबीआई व ईडी ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का और समय देने की मांग की. इस पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने जांच एजेंसियों को जवाब दाखिल करने के लिए चार दिन का समय देते हुए अगले सोमवार यानी 13 मई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. पिछली सुनवाई पर अदालत ने सीबीआई व ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
मालूम हो कि इससे पहले 30 अप्रैल को निचली अदालत ने सियोदिया की याचिकाएं खारिज कर दी थी. साथ ही सिसोदिया ने एक आवेदन दाखिल कर कहा है कि जमानत याचिका लंबित रहने तक उनकी बीमार पत्नी से सप्ताह में मिलने की अनुमति जारी रखने दी जाए. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि अगर निचली अदालत इसे जारी रखने की अनुमति देता है तो जांच एजेंसी को आपत्ति नहीं है.
पत्नी से मुलाकता की सिसोदिया को मिली थी अनुमति
इस पर अदालत ने सिसोदिया को पत्नी से मुलाकता की अनुमति दे दी थी. 30 अप्रैल को जमानत याचिका खारिज करते हुए राउज एवेन्यू की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा था कि सिसोदिया सहित अन्य सह-अभियुक्तों द्वारा मामले की सुनवाई में देरी करने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है. अदालत ने कहा था कि सिसोदिया सहित अन्य आरोपित कई आवेदन दायर कर रहे हैं या मौखिक दलीलें दे रहे हैं. इनमें से कुछ आवेदन तो तुच्छ प्रकृति के हैं.
पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति के कारण उन्हें जमानत पर रिहा करने के तर्क को भी अदालत ने ठुकरा दिया. इतना ही नहीं अदालत ने सह-आरोपित बेनाय बाबू के साथ समानता की मांग करने वाली सिसोदिया के तर्क को भी ठुकरा दिया था. इससे पहले अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी.