Crime News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से अपराध का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां दिल्ली पुलिस ने 20 साल से फरार हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक हत्या के बाद से यूपी के मैनपुरी में छोले-भटूरे बेच रहा था. जिसकी पहचान के लिए पुलिस को आम का ठेला लगाना पड़ा. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला..
ये है पूरा मामला
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है. इस आरोपी का असली नाम सिपाही लाल है. जो अपना नाम बदलकर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रह रहा था और वहां छोले-भटूरे का ठेला लगा रहा था. यह मैनपुरी में गुरदयाल छोले वाला के नाम से जाना जाता है. इस पर आरोप है कि 20 साल पहले करवा चौथ के दिन अपने मालिक के साथ मिलकर दिल्ली के एक कारोबारी का अपहरण किया था और फिर चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी थी.
जानिए क्या बोले डीसीपी
पुलिस उपायुक्त (DCP, अपराध शाखा) राकेश पावरिया ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया, “यह घटना 31 अक्टूबर 2004 की है. वह करवा चौथ का दिन था. उस दिन मुख्य आरोपी ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए अनाज व्यापारी रमेश गुप्ता का अपहरण कर लिया. हालांकि, आरोपी फिरौती के लिए फोन नहीं कर सका और इसके बाद व्यापारी के चेहरे पर कई बार पेंट छिड़ककर और चाकू मारकर उनकी हत्या कर दी.”
4 लोगों ने मिलकर किया था अपहरण
डीसीपी राकेश पावरिया ने बताया कि, “दिल्ली के शकरपुर इलाके में रहने वाले रमेश चंद गुप्ता उस दिन किसी काम से अपनी कार में घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे. उनके परिवार के सदस्यों ने उनके मोबाइल फोन पर कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उनके भाई जगदीश कुमार ने शालीमार बाग पुलिस स्टेशन में अपने भाई के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई और भाई के लापता होने के पीछे एक स्थानीय फल और सब्जी व्यापारी मुकेश वत्स पर शक जताया.
2 नवंबर 2004 को एक टीम ने बहादुरगढ़ CIA पुलिस से पीड़ित की कार बरामद कर ली, लेकिन गुप्ता का कुछ पता नहीं चला, जबकि एक अन्य टीम ने मुकेश वत्स को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उसने अपराध में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली थी. आरोपी वत्स ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि, उसने अपने साथियों सिपाही लाल, शरीफ खान, कमलेश और राजेश के साथ मिलकर फिरौती के लिए रमेश गुप्ता का अपहरण किया था. मुख्य आरोपी मुकेश वत्स आजादपुर मंडी में सब्जी व्यापारी था और बाकी चार लोग उसके यहां काम करते थे.”
दो आरोपी फरार हो गए थे
इस पूरे मामले में कबूलनामे के बाद पुलिस ने मुकेश, शरीफ खान और कमलेश को कराला गांव से गिरफ्तार करते हुए उनकी निशानदेही पर शव बरामद कर लिया था. वहीं, आरोपी सिपाही लाल और राजेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहे. दिल्ली पुलिस की जांच के बाद कोर्ट शरीफ खान और कमलेश आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
आम का ठेला लगाकर पुलिस ने किया गिरफ्तार
वहीं, हाल ही में ASI सोनू नैन को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी सिपाही यूपी के मैनपुरी में छोले-भटूरे बेचता है. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए अपना जाल बिछाया. पुलिस अधिकारी ने बताया, ” हमारी टीम को सूचना मिली कि आरोपी सिपाही लाल मैनपुरी में छिपा हुआ है और वहां के रामलीला मैदान में छोले-भटूरे बेच रहा है, जिसके बाद उसकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए ASI नैन ने भी उसी इलाके में आम बेचना शुरू कर दिया और दो दिनों के बाद उसको पकड़ लिया. आरोपी सिपाही लाल वहां गुरदयाल छोले वाला के नाम से रह रहा था.” वहीं, पुलिस ने यह भी बताया कि चौथे आरोपी राजेश की तलाश अभी भी जारी है.