Earthquake In Myanmar: बीते शुक्रवार (28 मार्च) को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने भयंकर ने तबाही मचाई है. इस भूकंप में अकेले म्यांमार में 1002 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैंकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं. वहीं इस भूकंप में अभी तक 2300 से अधिक लोग घायल हुए हैं. 30 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. तेज से राहत और बचाव कार्य चल रहा है. उधर, थाईलैंड में भूकंप ने करीब 10 लोगों की जान ली है.
अचानक आई इस आपदा के बाद म्यांमार ने आपातकाल लगा दिया गया है. इस भंयकर भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार पर ही न,हीं बल्कि आसपास के देशों में भी देखने को मिला है. भारत, चीन नेपाल सहित पांच देशों में भूकंप से धरती डोली है. भूकंप से प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है. वायुसेना का विमान सी-130 जे करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच गया है.
भारत सहित पांच देशों में भूकंप से कांपी धरती
म्यांमार के अलावा थाईलैंड, चीन, नेपाल और भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं, शुक्रवार की रात में भी म्यांमार और अफगानिस्तान में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह करीब 5 बजकर 16 मिनट पर अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.7 रही. समाचार एजेंसी एएफपी ने म्यांमार की सेना (जुंटा) के हवाले से बताया है कि भूकंप में अबतक 694 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1,670 घायल हुए हैं.
यूएसजीएस का दावा, 1000 लोगों की मौत
वहीं, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण(यूएसजीएस) का अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है. अस्पतालों में खून की भारी किल्लत की खबरें मिल रही हैं. म्यांमार में तेजी से राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हर तरफ मलबे का ढेर, टूटी सड़कें, और ढही इमारतें दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि, अस्पतालों में घायलों की तादाद भी हजारों में है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इस भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है. वहीं सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के मुताबिक, पांच शहरों और कई कस्बों में इमारतें गिर गई हैं और दो प्रमुख पुल भी ढह चुके हैं.
इन शहरों में हुआ भारी नुकसान
इस विनाशकारी भूकंप ने मंडाले, नेपिटॉ, यांगून और कई अन्य शहरों में इमारतों, पुलों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन सबसे अधिक मौतें नेपिटॉ में हुई हैं. यहां से 90 से अधिक लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया है.
म्यांमार में स्थिति गंभीर, हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका
म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख, सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग ने टेलीविजन पर बताया कि देश में अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है. भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के पास था. झटकों के बाद कई आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) भी महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 मापी गई.
मंडाले में भूकंप ने कई इमारतों को जमींदोज कर दिया, जिनमें शहर का एक प्रमुख मठ भी शामिल है. राजधानी नेपिटॉ में भी कई सरकारी कर्मचारियों के आवासीय भवन मलबे में बदल गए, जहां बचाव दल पीड़ितों को निकालने में जुटा हुआ है.
खून की किल्लत
म्यांमार सरकार के मुताबिक, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्तदान की अत्यधिक आवश्यकता है. अस्पतालों में खून की भारी किल्लत बताई जा रही है. आपदा में घायल लोगों से अस्पताल भरे पड़े हैं. म्यांमार ना इस आपदा में दवाओं और अन्य राहत सामाग्री की कमी से जूझ रहा है. सैन्य सरकार ने विदेशी सहायता स्वीकार करने की घोषणा की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने प्रारंभिक राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि जारी की है. वहीं चीन और रूस ने म्यांमार में बचाव दल भेजे हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अमेरिकी मदद की बात कही है.
बैंकॉक में इमारत गिरी, 10 की मौत
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इस भूकंप का प्रभाव महसूस किया गया. यहां एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इमारत गिरते ही पूरे इलाके में धूल का गुबार छा गया, लोग घबराकर चीखने-चिल्लाने लगे और सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई. बैंकॉक प्रशासन के मुताबिक, इस दुर्घटना में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 घायल हैं और 101 लोग लापता हैं. थाईलैंड सरकार ने इसे “भयानक त्रासदी” करार दिया और कहा कि अभी भी कुछ लोगों के जीवित होने की उम्मीद है.
चीन में लोगों के घायल होने की सूचना
चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भूकंप के झटके चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में महसूस किए गए. वहीं, म्यांमार की सीमा पर स्थित रुइली शहर में भूकंप से नुकसान और लोगों को चोटें आईं. सामने आए एक वीडियो रुइली में सड़क पर इमारत का मलबा बिखरा हुआ दिख रहा है और एक व्यक्ति को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस की ओर ले जाया जा रहा था. रुइली से लगभग 100 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित चीनी शहर मंगशी में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग खड़े नहीं हो पा रहे थे.
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत ने सहायता के तौर पर म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर जानकारी साझा की है. ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय वायुसेना (आईएएफ) सी-130जे विमान में सवार होकर म्यांमार को राहत सामग्री भेजी गई. राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक जीचें शामिल हैं.
🇮🇳 dispatches first tranche of urgent humanitarian aid for the people of Myanmar. @IAF_MCC C-130 is carrying blankets, tarpaulin, hygiene kits, sleeping bags, solar lamps, food packets and kitchen set. A search & rescue team and medical team is also accompanying this flight.… https://t.co/ONzOsHFSp2 pic.twitter.com/0p3OtTIlj5
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 29, 2025