Bihar News: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार की सुबह रेलवे क्लेम घोटाले में पटना,नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर छापेमारी की है. रेलवे के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 100 करोड़ से अधिक से यह घोटाला मामला जुड़ा है.
ईडी इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है. खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है. मालूम हो कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था.
रेलवे में हुए करोड़ो के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया था.
ऐसा माना जा रहा है कि इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे और फिर उन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़पी गई थी. इस पूरे रैकेट में कई लोगों की मिलीभगत थी.
सूत्रों के अनुसार, एक-एक व्यक्ति के नाम पर चार-चार बार धन की उगाही की गई. यह मामला वर्ष 2015-2018 के बीच का है. सीबीआइ की कार्रवाई को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की थी.