ED: TMC नेता के घर छापेमारी करने गई टीम पर हमला, वाहनों में तोड़फोड़

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर आ रही है. यहां संदेशखली में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पर हमला किया गया. बताया जा रहा है कि टीम कथित राशन वितरण घोटाले मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता के घर छापेमारी करने गई थी. जब ईडी की टीम रेड डालने आई तो करीब 200 से अधिक ग्रामीणों ने टीम को घेर लिया और उनकी गाड़ियां तोड़-फोड़ की. वहीं, राशन घोटाला मामले में ईडी ने बनगांव में पूर्व बनगांव नगर पालिका अध्यक्ष शंकर आध्या के आवास पर भी छापेमारी की.

सरकारी अधिकारियों के वाहनों में भी तोड़फोड़
बताया जा रहा है कि ईडी की टीम पर तृणमूल नेता शाहजहां शेख के आवास के पास हमला किया गया. इस दौरान करीब 200 से अधिक लोगों ने टीम के अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को घेर लिया. भीड़ ने सरकारी अधिकारियों के वाहनों में भी तोड़-फोड़ की. हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी अभी सामने नहीं आई है.

क्या है राशन वितरण घोटाला?
कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में महीनों से पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय के छापे चल रहे हैं. ईडी ने पहले खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) राशन का लगभग 30 प्रतिशत बाजार में भेज दिया गया था.
जांच एजेंसी ने कहा था कि राशन की चोरी कर मिल मालिकों और पीडीएस वितरकों के बीच बांट दिया गया था. उन्होंने कहा कि राइस मिल मालिकों ने कुछ सहकारी समितियों सहित कुछ लोगों के साथ मिलकर किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और धान उत्पादकों को दिए जाने वाले एमएसपी को हड़प लिया. प्रमुख संदिग्धों में से एक ने स्वीकार किया है कि चावल मिलों द्वारा अनाज के लिए लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल कमाए गए थे, जिसे सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से एमएसपी पर खरीदा जाना था.

जांच एजेंसी ने मंत्री ज्योति प्रियो मलिक को किया था गिरफ्तार
मालूम हो कि पिछले वर्ष 14 अक्तूबर को जांच एजेंसी ने आटा और चावल मिल मालिक रहमान को गिरफ्तार किया था, जिसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. बाद में कई छापे मारे गए, जिसमें आपत्तिजनक सामग्री और 1.42 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे. जांच एजेंसी ने घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योति प्रियो मलिक को गिरफ्तार किया था. उन्होंने 2011 से 2021 तक खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया, जिस अवधि के दौरान राशन वितरण में अनियमितताएं हुईं. मलिक को एक स्थानीय अदालत ने 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.

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