शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

चंडीगढ़ः न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए रविवार की दोपहर 12 बजे बाद 101 किसानों का जत्थे ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया.

हालांकि, हरियाणा पुलिस ने कुछ मीटर चलने के बाद उन्हें बैरिकेडिंग पर रोक दिया. हरियाणा पुलिस ने किसानों से पैदल मार्च निकालने के लिए अनुमति दिखाने को कहा. पुलिस ने पहले किसानों से आगे नहीं बढ़ने को कहा था और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला दिया था.

हम किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयारः पंढेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा कि हमारे 101 किसानों और मजदूरों का जत्था पहुंच चुका है. हमने पहले ही सूची जारी कर दी है, अगर उन्होंने (पुलिस) ने तय किया है कि वे हमें आगे बढ़ने देने से पहले आईडी की जांच करेंगे, तो उन्हें हमें बताना चाहिए कि हम इसमें सहयोग करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमने अनुशासन दिखाया है और आगे भी दिखाते रहेंगे. वे आज आंसू गैस का अधिक उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि हवा का रुख हमारी ओर है. हम किसी भी तरह का बलिदान के लिए तैयार हैं. यह पीएम के पास है जिनके पास हमारी समस्याओं का समाधान है, या तो वे ऐसा करें या हमें दिल्ली मार्च करने दें.

किसानों के दिल्ली कूच को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. मौके पर तैनात हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हम पहले उनकी (किसानों की) पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने देंगे. हमारे पास 101 किसानों के नामों की सूची है और ये वे लोग नहीं हैं. वे हमें अपनी पहचान नहीं करने दे रहे हैं. भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे हैं.

एक बार फिर से किसान और पुलिस आमने-सामने हैं. हरियाणा पुलिस द्वारा बार-बार एनाउंसमेंट के जरिए कहा जा रहा कोई भी सरकारी सम्पत्ति को नुकसान न पहुंचाए और कानून के आदेशों का पालन करें.

पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
हरियाणा प्रशासन व किसानों के बीच चल रही बहस के बीच पीछे से अन्य किसानों व लोगों को आता देख हरियाणा पुलिस द्वारा 4 से 5 गोले लगातार और दागे गए. जिसमें एक किसान घायल हो गया. पटियाला प्रशासन द्वारा उक्त किसान को राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया. किसानों के साथ बहस में हरियाणा पुलिस का कहना था कि जो लिस्ट 101 लोगों की हमे सौपी गई थी, उसमें वे किसान यह नहीं हैं ना तो ये किसान पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं और ना ही कोई पहचान पत्र दिखा रहे हैं.

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