Gaza Ceasefire: मंगलवार को इस्राइल ने हमास के नवीनतम प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इसके साथ ही अब गाजा में युद्ध विराम और बंधकों को रिहा करने के समझौते पर ही संदेह उत्पन्न हो गया. सूत्र के मुताबिक, हमास ने कतर के मध्यस्थों के समक्ष अपना प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव में गाजा में युद्ध विराम के साथ संपूर्ण रूप से गाजा से इस्राइली सैनिकों की वापसी शामिल थी.
सूत्र की माने तो इस मामले में समझौते की उम्मीद जताते हुए अमेरिका के साथ समन्वय में कतर और मिस्र के मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत जारी रखने की उम्मीद है. मंगलवार को अपना जवाब दाखिल करते हुए हमास के प्रवक्ता ने ओसामा हमदन ने लेबनान की मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि हमारा जवाब गाजा में युद्धविराम और इस्राइली सेना के वापसी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की स्पष्ट पुष्टि है.
इस्राइल ने हमास के प्रस्ताव को किया अस्वीकार
एक इस्राइली अधिकारी ने हमास के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस्राइल को हमास का जवाब मिला. हमास ने बंधकों की रिहाई के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इसे अपने भाषण में रखा था. हालांकि, हमास ने इस दावे का विरोध करते हुए इस प्रस्ताव से पीछे हटने का इस्राइल का प्रयास बताया.
मालूम हो कि इस्राइल द्वारा तैयार की गई योजना को पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस योजना में 6 सप्ताह का युद्ध विराम शामिल है. इस दौरान हमास बंधकों को रिहा करेगा और इस्राइल फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. बीते मंगलवार को इस्राइल ने कहा था कि वह औपचारिक रूप से इस योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है.
इस्राइली सरकार के एक अधिकारी ने अमेरिका समर्थिक प्रस्ताव के प्रति अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि इस्राइल अपने सभी युद्ध उद्देश्यों को प्राप्त करने से पहले युद्ध का अंत नहीं करेगा. इसमें हमास को नष्ट करना, सभी बंधकों की रिहाई और भविष्य में गाजा इस्राइल के लिए खतरा न बनें शामिल हैं. प्रस्तुत प्रस्ताव इस्राइल को इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा.
हालांकि, हमास पर भी अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को स्वीकार करने का दबाव है. हमास के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह इस्राइल को चेतावनी दी थी कि जब तक इस्राइल युद्धविराम और गाजा से पूरी तरह से वापसी के लिए अपना रुख स्पष्ट नहीं करता, तब तक वे (हमास) किसी भी समझौते पर नहीं पहुंचने वाला.