गोंडा रेल हादसा: काटकर JCB से हटाए गए क्षतिग्रस्त डिब्बे, अब तक चार की मौत, लाइन दुरुस्तीकरण का कार्य जारी

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Gonda Rail Accident: बीते गुरुवार की दोपहर चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ (असम) जा रही एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में एक और रेलयात्री का शव मिला है. पलटे एसी कोच को हटाने के बाद गिट्टी और बजरियों के बीच यह शव दबा मिला है. रेलयात्री के शव की अभी पहचान नहीं हो पाई है। चार्ट से नाम व हुलिया का मिलान करके जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब चार हो गई है. पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम-डीआरएम की देख-रेख में 800 रेलकर्मी रेल पटरी दुरुस्तीकरण में जुटे हैं.

Gonda rail accident: 800 railway employees working to improve rail track.

इस रेल हादसे में चार यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 घायलों में 31 यात्रियों का सीएचसी मनकापुर, महाराजा देवीबख्श सिंह मेडिकल कॉलेज गोंडा और शहर के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है. इसके अतिरिक्त मरणासन्न हालात में गोंडा से लखनऊ रेफर किए गए दो अन्य घायलों का ट्रॉमा सेंटर लखनऊ में ऑपरेशन किया गया.

मालूम हो कि बीते गुरुवार को दोपहर गोंडा और मनकापुर के बीच मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच पिकौरा गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इनमें चार एसी कोच के साथ-साथ आठ डिब्बे पलटे थे. जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि आठ घायलों को निजी अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए शिफ्ट किया गया है. मेडिकल कॉलेज गोंडा के कोविड हॉस्पिटल में भी मरीजों को भर्ती किया गया है. चार मृतकों के शव रखे हैं. परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने बताया
महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने बताया कि बृहस्पतिवार को दुर्घटना होने के बाद से लगातार राहत व बचाव कार्य में कई टीमें लगी हुई हैं. शुक्रवार की शाम तक रेल परिचालन पूरी तरह से बहाल कर लिया जाएगा. अप लाइन को सुबह दस बजे तक दुरुस्त लिया गया, जबकि डाउन लाइन के शाम तक सही होने की उम्मीद है. कटर व जेसीबी मशीनों से क्षतिग्रस्त डिब्बे हटाए गए.

हादसे के दौरान उखड़ी रेल पटरी को बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. पूरा रेलवे ट्रैक सीधा करते हुए इलेक्ट्रिक लाइनें व खंभों को व्यवस्थित किया जा रहा है. सीआरएस जांच भी शुरू कर दी गई है. मौके पर मिट्टी व गिट्टी के सैम्पल जुटाकर जांच के लिए भेजे गए हैं. कई अन्य बिन्दुओं पर तफ्तीश की जा रही है. आगे की जो भी कार्रवाई होगी, सुनिश्चित की जाएगी.

मनकापुर स्टेशन से भेजे जा रहे डाउन व अपलाइन के यात्री
परिवहन के लिए मनकापुर, बलरामपुर और अयोध्या से रेलयात्रियों को ट्रेनें पकड़ने के इंतजाम किए गए हैं. बिहार-बंगाल, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को जाने वाली ट्रेनों में सवारी के लिए डाउन व अप लाइन के मुसाफिरों को मनकापुर रेलवे स्टेशन से भेजा जा रहा है, जबकि बृहस्पतिवार को बीती रात लखनऊ से चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ की तर्ज पर बनी एक सवारी गाड़ी से सही सलामत बचे यात्रियों को रवाना किया गया.

मृतक चार यात्रियों में दो की अब तक नहीं हुई पहचान
इससे पूर्व बीती रात गोंडा पहुंची रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया सिन्हा वर्मा ने हादसे के कारणों की जानकारी सी. साथ ही रेल हादसे में घायलों का हाल जाना. चार मृतकों में अररिया-बिहार निवासी सरोज कुमार सिंह और एक अज्ञात की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि धनेटी, अलीगंज-बरेली के मूल निवासी और चंडीगढ़ से ट्रेन में सवार राहुल कुमार के दोनों पैर कट जाने के कारण गोंडा से लखनऊ रेफर किया गया. रास्ते में जरवल रोड पहुंचते ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

शुक्रवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त वातानुकूलित चारों बोगियों को हटाने के दौरान गिट्टी व बजरियों के नीचे धंसा एक शव मिला. इसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस ने रेल यात्री के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके साथ ही हादसे में मरने वालों की संख्या चार हो गई है, जबकि 33 लोगों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है.

घायलों से मिली डीएम, चिकित्सकों को दिया निर्देश
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गोंडा मेडिकल कॉलेज और शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे घायल रेलयात्रियों का हाल-चाल जाना. उन्होंने चिकित्सकों से घायलों की हरसंभव मदद के साथ ही इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने को कहा. मुख्य चिकित्साधिकारी और मुख्य चिकित्साधीक्षक को पूरा ऐहतियात बरतने का निर्देश दिया. वहीं, शुक्रवार को मोतीगंज के पिकौरा गांव पहुंचकर पूर्वोत्तर रेलवे की इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने रेलमार्ग को दुरुस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दिया. डाउन लाइन को शाम तक बहाल करने की कवायद शुरू हो गई है.

जीएम-डीआरएम की देखरेख में 800 रेलकर्मी दुरुस्तीकरण में जुटे
घटनास्थल पर रेलवे जीएम सौम्या माथुर, डीआरएम आदित्य कुमार के साथ ही प्रिसिंपल चीफ इंजीनियर रंजन यादव, रेलवे बोर्ड के मेंबर, आरडीएसओ की रिसर्च टीम मौके पर डेरा जमाए रहे. जीएम व डीआरएम की देख-रेख में लगभग 800 रेलकर्मी दुरुस्तीकरण में लगे हुए है. आईजी आरपीएफ तारिक अहमद व एसपी विनीत जायसवाल ने अपनी-अपनी टीम के साथ मौके का मुआयना करते हुए कार्य की जानकारी ली.

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