Hathras Stampede: हाथरस में हादसे के बाद कहां फरार हो गया ‘बाबा’? जानिए भोले बाबा का असली नाम

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Hathras Stampede: मंगलवार को हाथरस में बाबा नारायण ​​साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान अचानक से भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हैं. सत्संग के दौरान हुए हादसे ने पूरे देश को दहला कर रख दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जिसके बाद से पुलिस बाबा और उनके सेवादारों की तलाश में जुटी हुई है.

जानकारी के मुताबिक, अब इस भगदड़ को शुरू करने में बाबा के सेवादारों को भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. खबर है कि सेवादारों ने ही भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां चलाई. पुलिस को सूचना मिली की हादसे के तुरंत बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे. जिसके बाद शाम होते-होते यूपी पुलिस भोले बाबा की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची और राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया. लेकिन बाबा वहां नहीं मिले. ऐसे में अब सवाल ये है कि आखिर बाबा हैं कहां?

कहां है बाबा

पुलिस द्वारा अंदेशा लगाया जा रहा है कि बाबा आगरा, अलीगढ़ या राजस्थान में हो सकते हैं. क्योंकि यही तीन जगह बाबा के असली ठिकाने हैं. मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने मंगलवार देर रात सर्च ऑपरेशन के बाद बताया था, ‘हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले. वह यहां नहीं हैं. पुलिस द्वारा लगातार उन जगहों पर तलाशी की जा रही है, जहां बाबा मिल सकते हैं.

बाबा के मैनेजर की भी तलाश

वहीं, पुलिस बाबा के पैतृक गांव की प्रॉपर्टी पर बने ट्रस्ट के मैनेजर SK सिंह की भी तलाश कर रही है. जानकारी के मुताबिक, बाबा के मैनेजर SK सिंह ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया है पुलिस लगातार सम्पर्क करने की कोशिश में जुटी हुई है.

जानिए कौन है भोले बाबा

बता दें कि हाथरस वाले इस भोले बाबा का वैसे तो बहुत उपनाम है. लेकिन भक्त उसे नारायण हरि या साकार विश्व हरि के नाम से जानते हैं. इसका असली नाम सूरजपाल सिंह है. जो कासगंज जिले के बहादुर नगर के मूल निवासी हैं. सूरजपाल ने 1990 के दशक के अंत में एक पुलिसकर्मी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और सत्संग के तरफ रुख किया और धार्मिक उपदेश देना शुरू कर दिया. सूरजपाल सिंह की कोई संतान नहीं है. यह अपनी पत्नी को भी अपने साथ ‘सत्संग’ में लेकर जाता है. यह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आता है.

कैसे हुआ हादसा

हाथरस के रतिभानपुर में मंगलवार दोपहर को भोले बाबा के सत्संग का समापन कार्यक्रम चल रहा था. इस दौरानन हादसा तब हुआ जब श्रद्धालु भोले बाबा की चरण रज लेने के लिए उनके काफिले के पीछे दौड़ पड़े. इस दौरान बाबा के सेवादारों ने भक्तों को रोकने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि इस दौरान सेवादारों ने भक्तों पर लाठियां चलानी शुरू कर दी. जिसके बाद भगदड़ मच गई. लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते-पड़ते भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे.

 

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