हाथरस भगदड़ केसः न्यायिक आयोग के सामने भोले बाबा ने दर्ज कराया बयान

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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लखनऊः हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ हुई थी. इस भदगड़ में 121 श्रद्घालुओं की मौत के मामले में बाबा नारायण साकार हरि बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित सचिवालय में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवाया. इस दौरान सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था.

अपने भक्तों के बीच भोले बाबा के नाम से प्रसिद्घ नारायण हरि बीजेपी का झंडा लगी सफेद रंग की फॉर्च्यूनर गाड़ी से न्यायिक आयोग पहुंचे. गाड़ी विधायक बाबूराम पासवान की बताई जा रही है, जो कि दारुलशफा विधायक निवास के 17 ए पर पंजीकृत है. पेशी के बाद बाबा वापस चले गए. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उनके अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि हमें राजेश यादव उर्फ फौजी पर साजिश का शक है. हमें योगी सरकार और न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.

ये था मामला
मालूम हो कि बीते जुलाई माह में हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. उनका काफिला निकालने के लिए सेवादरों ने भीड़ को रोक दिया था, इस दौरान उनकी चरण रज लेने की होड़ में लोग गिरते गए थे. पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

इस हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, प्राण घातक हमला करने, गंभीर चोट पहुचाने, लोगों को बंधक बनाने, निषेध्याज्ञा का उल्लंघन करने और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इन पर यह भी आरोप था कि सत्संग में 80 हजार लोगों के जुटने की शर्त का उल्लंघन कर ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई. यातायात प्रबंधन में भी मदद नहीं की. मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. 3200 पेज की इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था.

मामले में ये लोग हुए थे गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार, दलवीर सिंह, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी,मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. इनमें महिला मंजू देवी और मंजू यादव की हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत स्वीकृत हो चुकी है. इनमें जमानत का सत्यापन नहीं होने और आदेश कोर्ट में नहीं पहुंचने के कारण अभी वह रिहा नहीं हो पाई है.

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