Indore: मध्य प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है. यहां इंदौर के मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम में दो बच्चों की मौत हो गई. बच्चों की मौत का कारण खून में इन्फेक्शन मिला बताया जा रहा है. 12 बच्चों को भर्ती किया गया है. इनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है. मंगलवार सुबह सभी बच्चों को एमवाय अस्पताल से चाचा नेहरु अस्पताल रेफर किया गया है.
मृतक बच्चों में करण और आकाश शामिल हैं. 12 वर्षीय करण देवास जिले के सोनकच्छ का रहने वाला था. इसे 15 महीना पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था, जबकि, नर्मदापुरम जिले का रहने वाला सात वर्षीय आकाश को चाइल्ड लाइन ने तीन महीने पहले आश्रम को सौंपा था. मल्हारगंज पुलिस के अनुसार, 12 वर्षीय करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई. इसके बाद मंगलवार की सुबह सात साल के आकाश ने दम तोड़ दिया. आश्रम के सेवादारों का कहना है कि सबसे पहले आश्रम में कृष्णा को इंफेक्शन हुआ था, लेकिन वह स्वस्थ हो गया. इसके बाद अन्य बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और वह स्वस्थ नहीं हो पाए.
मध्यप्रदेश के कई जिलों के बच्चे पढ़ रहे आश्रम में
इस आश्रम में मध्यप्रदेश के कई जिलों से आए बच्चे पढ़ाई करते हैं. इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था. यह आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था. यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बालक और 116 बालिकाएं) हैं.
कलेक्टर बोले, जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा मौत का कारण
कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार, दो बच्चों की मौत हुई है. डायरिया या डीहाइड्रेशन से एक मौत की आशंका है और एक बच्चे की मौत फिट जैसी बीमारी के कारण होना पता चला है. जांच के बाद ही बच्चों की मौत के सही कारणों के पता चल सकेगा.
पहले से आईसीयू में भर्ती बच्चों को किया गया शिफ्ट
चाचा नेहरू अस्पताल में जब बच्चों को ले जाया गया तो वहां पहले से भर्ती कुछ बच्चों को नीचे के वार्ड में शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि पहले से आईसीयू में भर्ती जिन बच्चों की तबियत में सुधार था, उन्हें नीचे शिफ्ट किया गया. डाक्टर्स को संक्रमित बच्चों की संख्या अधिक होने की वजह से ऐसा करना पड़ा.
मालूम हो कि इंदौर के पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है. यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है. सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम डॉ. अनिता शर्मा लिखा हुआ है. जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह आश्रम संचालित हो रहा है. सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया है. सभी बच्चों के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए हैं.