Jammu-Kashmir: लगातार जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हो रहे है. इससे आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं की बेचैनी बढ़ गई है. शायद इसी के चलते अब आतंकी लगातार अपनी साजिशों को बदल रहे हैं. अब कश्मीर की बजाय जम्मू संभाग में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है. इसको लेकर सुरक्षा बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता बरतते हुए आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से मुश्तैद है.
गुरुवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर दो पाकिस्तानी आतंकी मारे गए. ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के इरादे से हथियारों के साथ घुसपैठ कर रहे थे. इस बीच सतर्क जवानों ने इन्हें सीमा पर ही ढेर कर दिया.
आतंकियों के मारे जाने के बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान उनके पास से हथियार और अन्य गोला-बारूद बरामद हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि आतंकियों के पास से ऑस्ट्रिया निर्मित एयूजी राइफल भी बरामद हुई है, जिसके साथ दूरबीन भी लगी रहती है. सूत्रों की माने तो ऐसी राइफल का इस्तेमाल स्नाइपर की तरफ से भी किया जाता है.
इससे पहले भी डोडा और कठुआ में मारे गए आतंकियों के पास से आधुनिक राइफल बरामद हो चुकी है. यहां आतंकियों के पास से अमेरिकी एम4 कारबाइन बरामद की गई. इतना ही नहीं, इनके पास बरामद राइफल पर टेलीस्कोपिक नाइट विजन डिवाइस भी लगा हुआ था.
कठुआ में आतंकी ने रात के अंधेरे में डीआईजी और एसएसपी के उसकी ओर बढ़ रहे काफिले को भी निशाना बनाया था. निशाना इतना स्टीक था कि उसने दोनों अधिकारियों की गाड़ी में चालक को ही निशाना बनाकर गोलियां चलाई. बुलेट प्रूफ इन वाहनों में गोलियां शीशे को नहीं भेद पाईं, लेकिन सीआरपीएफ की जिप्सी में सवार एक जवान गोली की जग में आ गया था.