श्रीनगरः आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में नौ स्थानों पर छापेमारी की. एजेंसी द्वारा 2022 में दर्ज किए गए एक मामले के तहत आतंकवाद से जुड़े व्यक्तियों को लेकर विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों के सहयोग से सोमवार तड़के से छापेमारी शुरू की है.
बताया जा रहा है कि श्रीनगर में रहने वाले कुछ संदिग्धों के संबंध में प्राप्त विशेष जानकारी पर कार्रवाई करते हुए आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने तलाशी शुरू की. एनआईए द्वारा कोकेरनाग (जम्मू-कश्मीर) मुठभेड़ मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लगभग एक महीने बाद तलाशी अभियान चलाया गया था.
सूत्रों की माने तो मामले के संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े हैं. लश्कर और टीआरएफ दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं और ‘जिहाद’ के नाम पर कश्मीरी युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए लगातार भड़काने और प्रेरित करने में शामिल रहे हैं.
सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है लश्कर-ए-तैयबा
दोनों संगठन अपने मकसद को बढ़ावा देने और बेरोजगार युवाओं को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लुभाने के लिए ट्विटर, टेलीग्राम और यूट्यूब चैनलों जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर काम कर रहे हैं.
लश्कर-ए-तैयबा 1990 के दशक की शुरुआत में बना सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है और अनंतनाग क्षेत्र में सक्रिय रूप से नेटवर्क को पुनर्जीवित करने में लगा हुआ है. यह जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में विभिन्न शाखाओं के माध्यम से काम कर रहा है.