Jammu: जम्मू-कश्मीर के राजोरी जिले के बड्डाल गांव में 44 दिनों में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत हो गई. इसकी जांच के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी टीम ने गांव का दौरा किया. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय टीम के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के एक निदेशक रैंक के अधिकारी ने रविवार शाम को राजोरी जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली थी.
गृह मंत्री अमित शाह ने 8 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच बड्डाल गांव में आपस में जुड़े तीन परिवारों में हुई इन रहस्यमयी मौतों के कारणों की जांच के लिए इस अंतर-मंत्रालयी टीम के गठन का आदेश दिया था. यह गांव राजोरी शहर से लगभग 55 किमी दूर स्थित है.
केंद्रीय टीम, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, सोमवार की सुबह करीब 11.30 बजे बड्डाल पहुंची और शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की. अधिकारियों के मुताबिक, जब टीम गांव पहुंची, तब यास्मीन कौसर (15 वर्ष) जो मोहम्मद असलम की छठी संतान थीं, जिसकी अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी. यास्मीन की मृत्यु रविवार शाम को जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में हुई थी. केंद्रीय टीम ने गांव पहुंचते ही अपनी जांच शुरू कर दी और जांच को दो समूहों में विभाजित कर लिया.
केंद्रीय टीम ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से तत्काल राहत प्रदान करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है. देश के कुछ प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों को भी इस स्थिति को समझने और मौतों के कारणों की जांच करने के लिए टीम में शामिल किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि मृतक व्यक्तियों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले बुखार, दर्द, उल्टी, अत्यधिक पसीना और बेहोशी की शिकायत की थी, और कुछ ही दिनों में उनकी मृत्यु हो गई.
जम्मू-कश्मीर सरकार के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि प्रारंभिक जांच और सैंपल से यह संकेत मिला है कि इन मौतों का कारण संक्रामक बैक्टीरियल या वायरल रोग नहीं है और इसका सार्वजनिक स्वास्थ्य से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने मृतकों के नमूनों में कुछ न्यूरोटॉक्सिन पाए जाने के बाद विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है.
हाल ही में अधिकारियों ने गांव के एक जल स्रोत को सील कर दिया है, क्योंकि वहां के पानी में कुछ कीटनाशकों/पेस्टीसाइड्स के अवशेष पाए गए हैं. कोटरांका उप-विभाग के अतिरिक्त उप-आयुक्त, दिल मीर ने जल स्रोत की सीलिंग के साथ-साथ वहां सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती का आदेश दिया है. यह जांच जारी है और स्थानीय प्रशासन एवं केंद्रीय टीम दोनों ही इस रहस्यमय घटनाक्रम के कारणों का पता लगाने में जुटी हैं.