काबुलः तालिबान का एक और फरमान, अब घर की खिड़कियों पर लगाया बैन

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

काबुलः महिलाओं को लेकर अपने अजीबो-गरीब फरमान जारी करने को लेकर तालिबान हमेशा चर्चा में रहता है. वहीं, एक बार फिर से तालिबान द्वारा महिलाओं के लिए एक फरमान जारी किया गया है. तालिबान के सर्वोच्च नेता ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने आवासीय भवनों में खिड़कियों के निर्माण पर रोक लगा दी है.

शनिवार की देर रात तालिबान सरकार के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, नई इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, जिनसे “आंगन, रसोईघर, पड़ोसी का कुआं और आमतौर पर महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य स्थानों” को देखा जा सके.

सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए फरमान के मुताबिक, रसोई, आंगन या कुओं से पानी भरते हुए महिलाओं को देखना अश्लील हरकतों को बढ़ावा दे सकता है. नगर निगम अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों को निर्माण स्थलों की निगरानी करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पड़ोसियों के घरों में झांकना संभव न हो.

डिक्री में कहा गया है कि अगर घरों में ऐसी खिड़कियां मौजूद हैं, तो मालिकों को दीवार बनाने या दृश्य को बाधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि पड़ोसियों को होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके.

अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों से धीरे-धीरे हटा दिया गया है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र ने प्रशासन द्वारा स्थापित “लैंगिक रंगभेद” की निंदा की है.

तालिबान अधिकारियों ने लड़कियों और महिलाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा के बाद की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है, रोजगार को प्रतिबंधित कर दिया है तथा पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है.

महिलाओं के गाना गाने पर भी रोक
हाल ही में एक कानून ने तालिबान सरकार के इस्लामी कानून के सख्त क्रियान्वयन के तहत महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाने या कविता पाठ करने से भी रोक दिया है. यह उन्हें घर के बाहर अपनी आवाज और शरीर को “ढकने” के लिए भी प्रोत्साहित करता है. कुछ स्थानीय रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों ने भी महिलाओं की आवाज का प्रसारण बंद कर दिया है.

तालिबान प्रशासन का दावा है कि इस्लामी कानून अफगान पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की “गारंटी” देता है.

More Articles Like This

Exit mobile version