Kannauj Case: हिस्ट्रीशीटर के मकान पर बुलडोजर का प्रहार हुआ है. कन्नौज के छिबरामऊ में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधीरपुर नगरिया गांव में हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ के तीन मंजिला मकान को प्रशासन ने जमींदोज करा दिया है. गुरुवार की सुबह पहुंची प्रशासन की टीम ने जेसीबी से मकान को ध्वस्त कराया.
कार्रवाई के दौरान मौजूद रही भारी पुलिस बल
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल मौजूद रही. एसडीएम छिबरामऊ उमाकांत तिवारी के साथ तहसीलदार, नायब तहसीलदार के अलावा पांच थानों छिबरामऊ, सौरिख, गुरसहायगंज, सकरावा, तालग्राम, विशुनगढ़ के सभी थाना प्रभारी व पुलिस और पीएसी मौजूद रहे. मालूम हो कि प्रशासन की टीम ने एक दिन पहले ही हिस्ट्रीशीटर के मकान से सभी सामान हटवाकर रिश्तेदारों के हवाले कर दिया गया था.
मुनुआ ने पुलिसकर्मी पर किया था हमला, हो गई थी मौत
आपको बता दें कि हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ ने बीते 25 दिसंबर को वारंट तामील कराने गई पुलिस पर हमला किया था. हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ की ओर से चलाई गई गोली से जख्मी हुए सिपाही सचिन राठी की उपचार के दौरान कानपुर में मौत हो गई थी. इस आरोप में मुनुआ के साथ ही उसकी पत्नी और एक नाबालिग पुत्र को पुलिस ने पकड़ा था. पति-पत्नी जेल भेजे गए हैं, पुत्र को बाल सुधार गृह भेजा गया है.
एसडीएम ने जारी किया था मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश
विशुनगढ़ थाना इलाके के धरनीधीरपुर नगरिया गांव सभा के गांटा संख्या 578 क्षेत्रफल .0080 हेक्टेयर पर हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव ने तीन मंजिला मकान बनवाया था. गांव सभा की जमीन को अवैध अतिक्रमण कर बने मकान को अवैध बताते हुए एसडीएम उमाकांत तिवारी ने धारा 133 सीआरपीसी की कार्रवाई करते हुए दो जनवरी को मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था.
इसी कड़ी में तहसीलदार अनुभव कुमार की ओर से भी धारा 67 सीआरपीपी के तहत बेदखली की कार्रवाई की गई थी. मुनुआ के अधिवक्ता अभिषेश द्विवेदी ने आपत्ति दाखिल की थी. विपक्षी अधिवक्ता के तर्कों व राजस्व टीम की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के निरीक्षण के बाद मुनुआ का मकान जिस आराजी पर बना है, वह राजस्व अभिलेखों में सेक्टर मार्ग में दर्ज है.
तहसीलदार न्यायालय में सर्किल रेट के आधार पर अतिक्रमित भूमि की कीमत 8 लाख रुपये आंकी गई. इसे ध्वस्त करने में अनुमानित कीमत पर पांच प्रतिशत क्षतिपूर्ति का फरमान सुनाते हुए 15 दिनों के अंदर 40 हजार रुपये राजस्व न्यायालय में जमा कराने का फरमान सुनाया है.