Khaleda Zia: पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. देश की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी किए जाने का फैसला बरकरार रखा है. जिस मामले में जिया को राहत मिली है, वह वर्ष 2011 का है.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट से पहले हाईकोर्ट ने भी खालिदा जिया को बरी करने का फैसला सुनाया था. निचली अदालत ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले खालिदा जिया को सात साल जेल की सजा सुनाई थी. बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं. इलाज के लिए उन्हें बीते दिनों लंदन ले जाया गया है.
देश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति मोहम्मद अशफाकुल इस्लाम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय अपीलीय खंडपीठ ने आदेश पारित किया.
शीर्ष अदालत ने राज्य और भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आयोग ने खालिदा जिया और अन्य लोगों को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी.
मालूम हो कि 79 वर्ष की जिया को 2018 में दोषी ठहराया गया था. ढाका की एक अदालत ने उन्हें जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में सात साल की कैद और एक मिलियन टका जुर्माने की सजा सुनाई थी.
नवंबर 2024 में जिया और दो अन्य दोषियों, जियाउल इस्लाम और मोनिरुल इस्लाम खान ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने तीनों को आरोपों से बरी कर दिया था. भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सोमवार को इस पर अदालत ने फैसला सुनाया, जिसमें तीन न्यायाधीशों की पीठ ने खालिदा जिया को बरी किए जाने का निर्णय बरकरार रखा.