Krishna Janmabhoomi case: सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. साथ ही, शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा है. दरअसल, मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था.
पीठ ने मुस्लिम पक्ष को आदेश दिया, “याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया है. हम उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं.”
हाईकोर्ट का कहना था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं और इनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है. ऐसे में समय बचाने के लिए इन मुकदमों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए.
हिंदूवादी ने उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन में कहा कि 25 सितंबर,2020 को मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, 13.37 एकड़ भूमि के संबंध में कई अन्य मुकदमे दायर किए गए थे.
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था, “ये मुकदमे समान प्रकृति के हैं. इन मुकदमों में कार्यवाही की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है. अदालत का समय बचाने के लिए, होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है.”
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शीर्ष अदालत पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें मथुरा अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को खुद को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के 26 मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है. हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के समक्ष आग्रह किया था कि उसकी मूल सुनवाई उसी तरह चलानी चाहिए, जैसे उसने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में की थी.