लाहौरः पाकिस्तान के लाहौर में भीषण प्रदूषण से लोगों का दम घुट रहा है. इससे लोग परेशान है. पिछले 30 दिनों में 19 लाख से अधिक लोग सांस की बीमारियों से पीड़ित होकर सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने पहुंचे हैं.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शनिवार को ही 75,000 से अधिक लोगों ने विषैली धुंध और वायु प्रदूषण की वजह से श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल पहुंचे थे. इसके अलावा 3,359 अस्थमा रोगियों, 286 हृदय रोग पीड़ित, 60 स्ट्रोक पीड़ित और 627 कंजंक्टिवाइटिस मरीजों का उपचार किया गया.
वायु प्रदूषण से जुड़े सबसे अधिक मामले लाहौर में सामने आए हैं. यहां 5,353 व्यक्ति सांस संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. इनमें 359 अस्थमा के मरीज, 171 हृदय रोगी, 20 स्ट्रोक पीड़ित और 303 कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं. लाहौर के प्रमुख अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं. लगातार सांस रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
लाहौर और मुल्तान संभाग में स्वास्थ्य आपातकाल
: चिकित्सा कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई है.
: दोनों ही संभागों में स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद.
: सरकार ने सभी सार्वजनिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है.
: सभी पार्कों को बंद किया गया है.
: बाजारों का खुलने का समय सीमित किया गया.
: कई इलाकों में कृत्रिम बारिश का सहारा लिया गया.
स्वास्थ्य विभाग के निगरानी शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया
स्वास्थ्य विभाग के निगरानी शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या चरम पर पहुंच गई है. आने वाले दिनों में बाह्य रोगी और आपातकालीन विभागों में मरीजों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है. एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, पिछले 30 दिनों में 1.91 मिलियन से ज्यादा लोग सांस की बीमारियों से पीड़ित होकर सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुए हैं. इनमें से 133,429 मामले सिर्फ लाहौर के हैं. 119,462 अस्थमा के मरीज भी सामने आ चुके हैं. इनमें भी 5,577 पीड़ित लाहौर के हैं.
लाहौर में गंभीर स्थिति
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 13,862 हृदय रोगियों में से 5,455 लाहौर के हैं. 5,141 स्ट्रोक रोगियों में से 491 का संबंध लाहौर से है. कंजंक्टिवाइटिस के कुल 11,913 पीड़ितों में 1,945 अकेले लाहौर से हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता सईद हमद रजा ने माना कि स्थिति गंभीर है. उन्होंने आश्वासन दिया कि अधिकारियों ने अस्पतालों में व्यापक व्यवस्था की है. चिकित्सा कर्मचारियों की सभी आपातकालीन छुट्टियां रद कर दी गई हैं. चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.