Land For Job Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव व तेजप्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को तीनों को जमानत दे दी. तीनों को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. 25 अक्तूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
मामले में आठ आरोपियों की हुई पेशी
जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव, तेजस्वी, तेज प्रताप सहित आठ आरोपियों की पेशी हुई. इसमें अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी शामिल थे. इससे पहले ईडी ने मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किया था. इसके आधार पर कोर्ट ने तीनों को समन भेजा था. लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन के रूप में अवैध लाभ अर्जित करने का आरोप है.
मामले में पहली बार कोर्ट में पेश हुए तेजप्रताप यादव
मालूम हो कि मामले में तेजप्रताप यादव पहली बार कोर्ट में पेश हुए. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत को प्रथम दृष्टया और समन के चरण में आवश्यक जांच के मानक के मद्देनजर यह निष्कर्ष निकालने के लिए बाध्यकारी आधार मिलता है कि तेज प्रताप यादव भी अधिग्रहण और अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे.
व्हीलचेयर पर नजर आए लालू यादव
इससे पहले रविवार को लालू प्रसाद यादव के साथ उनकी बेटी रोहिणी और मीसा भारती भी दिल्ली पहुंची थीं. इस दौरान लालू यादव व्हीलचेयर पर दिखे थे. ईडी ने लालू प्रसाद यादव पर अपराध अर्जित आय को छिपाने एवं उसका अन्य कार्यों में इस्तेमाल का आरोप लगाया है. ईडी का कहना है कि रेल मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान लालू यादव मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरियां देने के वादे के साथ कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए विवश किया था.