महाकुंभ नगरः महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम के पास भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद शासन स्तर से जांच शुरू हो चुकी है. वहीं, महाकुंभ मेले की व्यवस्था को और सुचारू रूप देने के लिए सात नए अफसरों की तैनाती कर दी गई है.
इनमें पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल, आइएएस भानुचंद्र गोस्वामी और आशुतोष द्विवेदी शामिल हैं. ये सभी सात उच्चाधिकारी यहां पहुंच गए हैं.
वहीं, पुलिस ने मेला क्षेत्र में सभी तरह के वीवीआईपी व मीडिया वाहन पास रद्द कर दिए हैं. यहां तक कि आवश्यक सेवा के वाहनों के भी पास रद्द कर दिए गए हैं. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार महाकुंभ मेला क्षेत्र में आकर भगदड़ वाले स्थान पर जाएंगे.
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. सभी प्रवेश द्वार पर मजबूत बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की आवाजाही को निषेध कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी वीवीआईपी, वीआईपी सहित सभी तरह के पास को निरस्त कर दिया गया है. प्रयागराज जिले की सीमा पर वाहनों की लंबी कतार लगी है, जिसमें सवार श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मेला क्षेत्र से 20 किलोमीटर दूर ही वाहनों रोक दिया जा रहा है.
मंगलवार की रात महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ के बाद महाकुंभ मेला प्राधिकरण ने 30 श्रद्धालुओं की मौत और 90 के घायल होने का दावा किया है. इसके साथ ही व्यवस्था में कई परिवर्तन कर दिए गए हैं, ताकि भगदड़ की पुनरावृत्ति न हो सके. नए बदलाव में मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है.
सभी तरह से पास को रद्द कर दिया गया हैं. यानी मेला में पास के जरिए वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा. मेला के रास्ते को वन-वे किया गया है. प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोक दिया जा रहा है. 4 फरवरी तक शहर में चार पहिया वाहनों की इंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें.
आवश्यक वस्तु के वाहनों के प्रवेश पर भी रोक
महाकुंभ मेला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए आवश्यक वस्तु, जैसे दूध सहित दूसरे खाद्य पदार्थ, मेडिकल उपकरण के वाहनों के भी प्रवेश पर रोक लगा दी है. इससे श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को काफी दिक्कतें हो रही है.