Manipur Violence: पिछले वर्ष मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद लगातार तनाव बरकरार है. यहां सोमवार की सुबह पूर्वी इंफाल जिले के पास अचानक उग्रवादियों ने पहाड़ियों से गोलीबारी शुरू कर दी. इस गोलीबारी में खेतों में काम कर रहा एक किसान घायल हो गया.
खेतों में जाने से भयभीत हैं किसान
जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर की इंफाल घाटी में पहाड़ियों पर उग्रवादियों द्वारा खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला करने का यह लगातार तीसरा दिन है. अधिकारियों ने कहा कि हमलों से धान की फसल की कटाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि घाटी के बाहरी इलाकों में कई किसान खेतों में जाने से भयभीत हैं.
पुलिस अधिकारी ने बताया
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ताजा घटना में निकटवर्ती कांगपोकपी जिले में पहाड़ी की चोटी पर तैनात उग्रवादियों ने सुबह करीब 9 बजकर 20 मिनट पर पूर्वी जिले के यांगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में धान के खेतों में काम कर रहे किसानों पर गोलीबारी की, जिसमें एक किसान के हाथ पर पैलेट गन लगने से चोट लग गई.
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और जवाब में गोलीबारी की. इसके बाद कुछ देर के लिए मुठभेड़ शुरू हो गई. घायल किसान को उपचार के लिए येंगांगपोकपी पीएचसी ले जाया गया. फिलहाल, वह खतरे से बाहर है.
किसानों पर पहले भी हो चुके हैं हमले
मालूम हो कि शनिवार को चूराचांदपुर जिले के सैतोन में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में धान के खेत में काम कर रहीं 34 वर्षीय एक महिला किसान की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसी तरह के हमले रविवार को इंफाल पूर्वी जिले के सनासाबी, सबुंगखोक खुनोउ और थामनापोकपी इलाकों में भी हुए. मणिपुर में पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और आसपास के पहाड़ी इलाके कुकी के बीच हुई जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.