Ghazipur: 23 साल पुराने उसरी कांड में मनोज राय की हत्या के आरोपित मुख्तार अंसारी व अन्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अरविंद मिश्रा की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. मुख्तार अंसारी व सरफराज की ओर से मुकदमे के मूल दस्तावेज की प्रति की मांग को लेकर दिया गया आवेदन कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही इस मुकदमे में 13 फरवरी को गवाही के लिए तिथि निर्धारित की है.
मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहा. शनिवार को सुनवाई के दौरान इन चारों के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किया. 13 फरवरी को गवाही के लिए तिथि निर्धारित की गई है.
मुख्तार ने ब्रजेश सिंह के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा
15 जुलाई 2001 को मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर उसरी चट्टी पर आधुनिक हथियारों से हमला हुआ था. इस हमले में मुख्तार अंसारी के गनर, बिहार के संगराव निवासी मनोज राय सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, इस केस की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है.
उधर, उसरी कांड में मारे गए संगराव निवासी मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने डीजीपी के आदेश से 22 जनवरी 23 को मुहम्मदाबाद कोतवाली में मुख्तार अंसारी, जफर खां उर्फ चंदा, अफरोज और सरफराज उर्फ मुन्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. उनका आरोप था कि मुख्तार के करीबी उनके बेटे को बुलाकर ले गए और उसकी हत्या कर दी. इसके बाद मुख्तार अंसारी ने बेटे को हमलावर दिखा दिया था. मुख्तार के डर के कारण वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे.
13 को होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बाद उन्होंने यह मुकदमा दर्ज कराया है. मंगलवार को मुख्तार अंसारी व सरफराज की तरफ से कोर्ट में आवेदन देकर मुकदमे के मूल अभिलेख की कापी मांगी गई, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आपके पास पहले से ही कागजात उपलब्ध है. कोर्ट ने 13 फरवरी को गवाही के लिए तिथि निर्धारित की है.