Myanmar Earthquake: पिछले सप्ताह म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां भूकंप के चलते ध्वस्त इमारतों से शव निकलने का सिलसिला लगातार जारी है. इस भूकंप की वजह से अब तक यहां 2700 लोगों की मौत हो चुकी है.
म्यांमार में 28 मार्च को आया था विनाशकारी भूकंप
मालूम हो कि बीते 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटके लगे थे. इसके बाद 6.4 तीव्रता के भी झटके महसूस हुए. भूकंप का केंद्र मेंडले और सेगेंग शहरों की सीमा पर जमीन के 10 किलोमीटर भीतर था. इस भूकंप के चलते बुनियादी ढांचे, सड़कें और रिहायशी इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा. भूकंप के झटके न सिर्फ म्यांमार, बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए. थाईलैंड का चियांग मेई शहर में भी इस भूकंप के चलते काफी क्षति हुई.
लगातार जारी है बचाव अभियान
म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने राजधानी नेपीडॉ में बताया कि इस भूकंप की वजह से अब तक 2,719 लोग मृत पाए गए हैं. 4,521 अन्य घायल हुए हैं और 441 लापता हैं. भूकंप से प्रभावित कई क्षेत्रों में अभी भी बचाव दल नहीं पहुंच पाए हैं. इसलिए संख्या बढ़ने की संभावना है. बचाव अभियान लगातार जारी है.
भीषण गर्मी की वजह से शवों से आने लगी है दुर्गंध
राहत-बचाव कर्मियों के साथ स्थानीय लोग भी अपनों को खोजने के लिए खुद भी मलबा हटाने में जुटे हुए हैं. भीषण गर्मी की वजह से शवों से दुर्गंध आनी शुरू हो गई है. हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. हालात यह हैं कि करीब 35 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है और सड़कों पर अस्थायी तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
भारत ने राहत सामग्री और सहायता दल
म्यांमार की मदद के लिए भारत ने सबसे पहले हाथ बढ़ाएं. ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत यहां राहत सामग्री और सहायता दल को भेजा गया है. 29 मार्च को भारत ने दो नौसैन्य जहाज म्यांमार की मदद के लिए भेजे. इनके जरिए आर्मी फील्ड अस्पताल तैयार करने के लिए सामान और 118 चिकित्साकर्मियों को भी भेजा गया. इनके जरिए घायलों की मदद करने की व्यवस्था की जा रही है.