Bihar Bridge Collapsed: बिहार में पुलों का गिरने का सिलसिला जारी है. बिहार में एक सप्ताह के अंदर अब तीसरा पुल गिरने की घटना हुई है. इस बार पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया. इसका वीडियो वायरल हो रहा है. इस पुल को गिरने को लेकर लोग बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि घोड़ासहन प्रखंड अमावा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बन रहे पुल की ढलाई का काम कई दिनों से चल रहा था. शनिवार को पूल के एक हिस्से की ढलाई भी हुई थी. रात में अचानक करीब 40 फीट लंबा हिस्सा धिवस्त हो गया.
लोगों का आरोप, पुल निर्माण में गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा गया
लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण में गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा गया था. पुल में इस्तेमाल की गई सामग्रियों की गुणवत्ता घतिया किस्म की थी. इसलिए अररिया के बकरा नदी पर जैसे पुल हादसा हुआ था, वैसा ही हाल यहां भी हुआ. लोगों का कहना है कि अब सवाल उठता है कि ढलाई के वक्त ही पुल ध्वस्त हो जा रहा है. इसकी गुणवत्ता क्या होगी? इसके लिए कौन जिम्मेवार है? बिहार सरकार इस मामले की जांच करे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
सीवान में गिरा था पुल
सीवान के महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर बना पुल 22 जून को अचानक गिर गया था. दरअसल, शनिवार सुबह अचानक पुल का एक पाया धंसने लगा। देखते ही पुल नहर में समा गया. पुल गिरने से दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है. लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं.
कुछ दिन पहले बकरा नदी पर बना पुल गिरा था
मालूम हो कि 18 जून को अररिया जिले सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया था. 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था. दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी. 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था. शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था.