सीएम मान और केजरीवाल का विरोध, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की, आप के खिलाफ नारेबाजी

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ludhiana: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कनवीनर व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को लुधियाना दौरे पर पहुंचे. सीएम मान और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को यहां विरोध का सामना करना पड़ा.

आप नेताओं की कार्यकर्ताओं के साथ हैबोवाल इलाके में पब्लिक मीटिंग चल रही थी. बैठक में मुख्यमंत्री के साथ अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसी बीच दंगा पीड़ितों ने सीएम भगवंत सिंह मान से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन पंजाब पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया. हालांकि, दंगा पीड़ित उक्त हॉल में पहुंच गए, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान लोगों को संबोधित कर रहे थे. वहीं, उन्होंने सीएम भगवंत मान को आवाज लगाना शुरू कर दिया. यह देख सभी हैरान हो गए और वहां हंगामा शुरु हो गया.

दंगा पीड़ित एसोसिएशन के सुरजीत सिंह और उनकी महिला साथियों ने वहां नारेबाजी शुरु कर दी और सीएम से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी तो वहां शोर-शराबाशुरू हो गया. पुलिस मुलाजिमों ने सभी को काबू किया और बाहर की ओर धकेलते हुए ले गए. इस दौरान दंगा पीड़ितों ने पंजाब पुलिस के साथ-साथ पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सीएम से मिल अपनी मांगे जल्द पूरी करने के लिए कहा.

दंगा पीड़ित एसोसिएशन के सुरजीत सिंह ने बताया कि वह सिर्फ मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलना चाहते थे. उन्होंने समय मांगा था, लेकिन उन्हें बार-बार टरका दिया जाता है. वह पिछले तीन साल से सीएम से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक बार भी मुलाकात नहीं हुई. चंडीगढ़ में भी उनकी कोई बात नहीं सुनी गई.

सुरजीत सिंह ने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर उनकी कुछ मांगे थी, जो पंजाब सरकार को पूरी करनी थी, लेकिन सीएम समय नहीं दे रहे और पंजाब सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं कर रही. सुरजीत सिंह ने बताया कि शहर में 25 हजार दंगा पीड़ित परिवार रहते हैं. जिन्हें घर अलाटमेंट होने हैं और काम के लिए बूथ अलाटमेंट होने है.

नौजवानों को नौकरी देनी है और बच्चों की बीए तक की फ्री पढ़ाई की मांग के साथ-साथ मेडिकल और नॉन मेडिकल में दो प्रतिशत कोटा बहाल करने की मांग थी. इसके अलावा विधानसभा में सिख कत्लेआम के लिए निंदा प्रस्ताव लाना था, जो पंजाब सरकार उनकी मांग पूरी नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि वह फिर से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मिलने की कोशिश करेंगे ताकि हाईकोर्ट की तरफ जो आदेश जारी किए गए है, उसे उन्हें दिखा अपनी मांगे पूरी करवाई जा सके.

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