Rajasthan: SDM को थप्पड़ मारने वाला आरोपी गिरफ्तार, गांव में पुलिस बल तैनात

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Rajasthan: बीते बुधवार को राजस्थान के टोंक जिले के देवरी-उनियाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए हो रहे मतदान के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. गुरुवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

बुधवार को एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद हंगामा खड़ा हो गया था. इस घटना के बाद बुधवार शाम नरेश मीणा की गिरफ्तारी के प्रयास के दौरान मीणा समुदाय के लोगों का आक्रोश भी दिखा. पुलिस ने जानकारी दी कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा फरार हो गया.

उसकी तलाश में बुधवार की रात से ही पुलिस जुटी थी. आज पुलिस ने उसे समरावता गांव से गिरफ्तार कर लिया है. अशांति के मद्देनजर गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है.

गुरुवार सुबह नरेश मीणा ने मीडिया से बातचीत की. उसने बताया कि गांव में जब पुलिस उसकी गिरफ्तारी करने पहुंची तो वो पहले से ही अपने समर्थकों के साथ बैठा था.

नरेश मीणा ने मीडिया से कहा कि मैं यहां गिरफ्तारी देने आया हूं और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए, पुलिस ने बहुत बर्बरता की, हमने जवाबी कार्रवाई भी की, कल दिन में मौके पर कलेक्टर आ जातीं तो कुछ नहीं होता. मीना ने कहा कि वह पुलिस कस्टडी से नहीं भागे थे.

नरेश मीणा ने आगे कहा कि अगर एसडीएम मीणा जाति से होते तो भी मैं पीटता, गुर्जर होता तो भी पीटता, ब्राह्मण होता तो भी पीटता. एसडीएम की कोई जाति नहीं होती है. नरेश मीणा ने एसडीएम पर आरोप लगाया कि उनकी देखरेख में फर्जी वोटिंग हो रही थी.

मामले में पुलिस ने 60 लोगों को किया गिरफ्तार
बीती रात जब पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने समरावता गांव पहुंची तो उसके समर्थकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. वहीं, दोनों तरफ से फायरिंग भी शुरू हो गई. पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले भी दागे. इस मामले में पुलिस ने 60 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और चार एफआईआर दर्ज की है.

वोटिंग के दौरान क्यों मचा बवाल?
देवरी-उनियारा विधानसभा क्षेत्र की कचरावता ग्राम पंचायत के समरावत गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर रखा था. ग्रामीणों का कहना था कि उनका गांव पहले उनियारा उपखंड में था, लेकिन बाद में पिछली सरकार ने उनके गांव को उनियारा से हटाकर देवली उपखंड में शामिल कर दिया था.

इस बात को लेकर ग्रामीण नाखुश हैं. ग्रामीणों की मांग है कि गांव को एक बार फिर उनियारा में शामिल किया जाए. पुलिस का आरोप है नरेश मीणा गांव वालों पर वोट का बहिष्कार करने का दबाव बना रहे थे.

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