रामपुरः चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा को गुरुवार को न्यायालय से राहत मिल गई. न्यायालय ने आरोप साबित न होने पर उन्हें दोषमुक्त कर दिया. फैसला सुनाए जाने के दौरान जयाप्रदा भी न्यायालय में मौजूद रहीं.
मालूम हो कि वर्ष 2019 जयाप्रदा के खिलाफ लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले दर्ज हुए थे. इनमें एक मामला केमरी थाने का है, जिसे वीडियो निगरानी टीम के प्रभारी कुलदीप भटनागर की ओर से दर्ज कराया गया था. इसमें कहा गया था कि 18 अप्रैल 2019 को भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा की पिपलिया मिश्र गांव में जनसभा हुई थी.
जयाप्रदा ने मायावती और आजम खां को लेकर दिया था बयान
जयाप्रदा ने बसपा सुप्रीमो मायावती और आजम खां को लेकर बयान दिया था. इस चुनाव में सपा का बसपा से गठबंधन था. मायावती यहां गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा करने आई थीं. उससे पहले जयाप्रदा ने पिपलिया मिश्र में हुई जनसभा में दोनों को लेकर टिप्पणी की थी.
पुलिस ने जयाप्रदा के खिलाफ दर्ज मुकदमे में विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था. इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चली. मामले में पहली जुलाई को दोनों ओर से अंतिम बहस पूरी हो गई थी.
गुरुवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) के न्यायाधीश शोभित बंसल ने फैसला सुनाया. न्यायालय ने अभियोजन द्वारा आरोप साबित न होने पर जयाप्रदा को दोषमुक्त कर दिया. न्यायालय से बाहर आने पर जयाप्रदा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि न्यायालय के निर्णय से वह बहुत खुश हैं और भावुक हैं.