संभलः संभल पुलिस ने जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा में गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में गिरफ्तार 78 आरोपियों के खिलाफ बलवा, आगजनी और फायरिंग की धाराओं में चार्जशीट दाखिल कर दी है.
पुलिस की तरफ से दर्ज 6 मुकदमों में दाखिल चार्जशीट करीब 6 हजार पेजों की है. एक महिला फरहाना के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं. कोर्ट ने फरहाना को रिहा करने का आदेश दिया है. इस हिंसा मामले में तीन महिलाओं सहित 79 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
हिंसा में फायरिंग, आगजनी और पथराव के बीच चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. हिंसा का मास्टरमाइंड अंतरराष्ट्रीय ऑटो लिफ्टर शारिक साठा के दो गुर्गे मुल्ला अफरोज और वारिस की गिरफ्तारी के बाद उसका नाम सामने आ चुका है. साठा ने दुबई में बैठकर क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने के लिए हिंसा का षड्यंत्र रचा था.
पुलिस ने गुरुवार को साठा के एक और गुर्गे गुलाम को गिरफ्तार कर लिया है. वह देश में विदेशी असलाह सप्लाई करने का काम करता था. उसके खिलाफ संभल में 20 मुकदमे दर्ज हैं.
संभल हिंसा में पुलिस ने सात और मृतकों के परिजनों की ओर से चार प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं. वहीं, एक घायल की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज है. एसआईटी सभी 12 प्राथमिकी की जांच कर रही है.
सभी प्राथमिकी में सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद का बेटा सुहैल इकबाल सहित 37 नामजद आरोपी हैं. इसके अलावा 3750 अज्ञात हैं. अभी सांसद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.