Sanjauli Mosque Case: मिली मंजूरी, संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने का काम शुरू

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Sanjauli Mosque Case: शिमला के संजौली में बनी मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराने के लिए वक्फ बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद मस्जिद कमेटी ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी है. सोमवार दोपहर करीब 12:40 पर कमेटी ने मस्जिद की छत को उखाड़ने का काम प्रारंभ कर दिया गया है. मालूम हो कि कमेटी ने बोर्ड को पत्र लिखकर अवैध निर्माण तोड़ने के लिए मंजूरी मांगी थी. सोमवार को यह मंजूरी मिल गई. इसके बाद ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने का काम शुरू हो गया.

इस संबंध में मस्जिद कमेटी ने डीसी शिमला, एसपी शिमला व नगर निगम को भी सूचित कर दिया है. मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि बोर्ड से अवैध निर्माण गिराने की मंजूरी मिल गई है. इसके बाद आज मस्जिद की छत को उखाड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैसे जुटाकर अवैध निर्माण तोड़ा जाएगा. पूरे अवैध निर्माण तोड़ने में दो से तीन महीने लगेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपसी भाईचारा व सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे, इसलिए यह फैसला लिया गया है. अवैध निर्माण को मस्जिद कमेटी अपने खर्च पर तोड़ेगी.

जानें क्या है मामला
मालूम हो कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण से जुड़े मामले पर करीब 14 वर्ष बाद बीते 5 अक्तूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने फैसला सुनाया. वर्ष 2010 से शुरू हुए इस मामले में अवैध निर्माण रोकने को लेकर नगर निगम ने कुल 38 नोटिस जारी किए. इनमें 27 नोटिस अकेले सलीम नाम के व्यक्ति को भेजे गए, जो वर्ष 2016 तक नगर निगम की सुनवाई में आता रहा. फिर अचानक गायब हो गया. सुनवाई में न आने पर 15 जून 2016 को कोर्ट ने इसे एक्स पार्टी घोषित कर दिया. वहीं, वक्फ बोर्ड को भी इस मामले में 11 नोटिस जारी किए गए. वर्ष 2010 से लेकर 2024 तक इस मामले में कुल 45 पेशियां हुईं. अब 46वीं पेशी में कोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने का आदेश सुना दिया.

मस्जिद में अवैध निर्माण होने की शिकायत 31 मार्च 2010 को नगर निगम को मिली थी. इस पर 3 मई 2010 को निगम ने पहला नोटिस जारी कर काम रोकने के आदेश दिए थे. यह नोटिस सलीम को जारी किया गया था. वहीं, 2 सितंबर 2010 को वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी नोटिस जारी हुआ था. 2011 में भी कई नोटिस जारी किए गए. 2012 तक दो मंजिला मस्जिद बनी थी. कमेटी ने यहां और निर्माण के लिए नक्शा पास करने के लिए आवेदन किया, लेकिन खामियों के चलते नगर निगम ने यह नक्शा लौटा दिया था. इसके बाद कमेटी ने बिना नक्शा पास करवाए ही वर्ष 2018 तक यहां पांच मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी थी.

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